इंदौर: शादियों और पार्टियों में जश्न के लिए इस्तेमाल होने वाला डीजे साउंड सिस्टम अब खुशियों को मातम में बदल रहा है. ये हम नहीं, बल्कि डॉक्टर्स कह रहे हैं. हाल ही में ऐसी करीब आधा दर्जन घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें शादी और बारात के समय तेज डीजे बजाने के दौरान हार्ट अटैक व अन्य कारणों से कई लोगों की मौत हो गई. लिहाजा अब डॉक्टर भी लोगों को लगातार बढ़ते हार्ट अटैक के कारण डीजे के खतरनाक शोर से बचने की सलाह दे रहे हैं.
डीजे पर नाचते हुए बच्चे की मौत
राजधानी भोपाल में पिछले वर्ष 22 अक्टूबर को 13 वर्षीय समर बिल्लू की उस वक्त मौत हो गई, जब वह घर के पास डीजे की तेज आवाज में नाच रहा था. परिवार के लोगों का कहना है कि दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन का चल समारोह निकल रहा था. इस दौरान समर डीजे की आवाज सुनकर भीड़ में शामिल हुआ और जोरों से नाचने लगा. इसके बाद बेहोश होकर नीचे गिर गया, बाद में उसकी मौत हो गई.
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डीजे के शोर से युवक के सिर की फटी नस
9 सितंबर को छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में 40 वर्षीय युवक की डीजे की तेज आवाज से सिर की नस फट गई थी. आनन-फानन उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं आगरा के फतेहपुर सीकरी स्थित टिकरी गांव में 17 फरवरी सोमवार को डीजे पर डांस करते समय दुल्हन की ताई राम धकेली की तेज आवाज के कारण मौत हो गई थी.
दोस्त की बारात में डांस करते हुए युवक की मौत
दोस्त की शादी में शामिल होने दिल्ली आए 25 वर्षीय अनुज कुमार दिल्ली के मधु विहार में शादी में शामिल होने आया था. देर शाम बारात एनआईओटानी कस्बा पहुंची थी. जहां अनुज अन्य दोस्तों के साथ डीजे की तेज आवाज में डांस कर रहा था. इस दौरान स्टेज के पास वह अचानक से गिर गया, पहले तो लोगों ने समझा कि वह डांस कर रहा है, लेकिन कुछ देर तक ना उठने पर दोस्तों ने उसे उठाने का प्रयास किया. बाद में अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे भी मृत्य घोषित कर दिया.
85 डेसीबल से ज्यादा का शोर खतरनाक
इंदौर में वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर रोशन राव ने बताया, " 50 डेसिमल से ज्यादा साउंड सुनने से हृदय की गति बढ़ जाती है. इस साउंड और म्यूजिक द्वारा होने वाले कंपन से हृदय की शिरा की झिल्ली भी क्षतिग्रस्त हो सकती है, जिसकी वजह से डीजे बजाने के दौरान या तेज आवाज में शादियों में नाचने के दौरान किसी को भी एक्यूट हार्ट अटैक हो सकता है." उन्होंने कहा कि "फिलहाल आ रहे ऐसे मामलों में 5 से 10% ध्वनि, हाई ब्लड प्रेशर और साउंड पॉल्यूशन के कारण हार्ट अटैक की घटनाओं के मामले हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी 85 डेसीबल से ज्यादा शोर सुनना खतरनाक बताया है, लेकिन देश के तमाम स्थानों पर जो डीजे बजाए जा रहे हैं. उनका डेसिबल 100 से भी ज्यादा है. जिस पर फिलहाल किसी का कोई नियंत्रण नहीं है."
इन वजहों से हार्ट अटैक के कारण
वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट आगे कहते हैं, ''जो लोग खानपान में मैदा या पैकेज फूड खाते हैं, उनके लिए डीजे का तेज शोर ज्यादा खतरनाक है. इसके अलावा शहरीकरण के वर्तमान दौर में लोगों को स्ट्रेस बहुत ज्यादा है और नींद कम ले रहे हैं. जबकि मोबाइल का बढ़ता उपयोग और लगातार ऑनलाइन रहने या वर्क फ्रॉम होम में काम करने वाले लोगों को हृदय रोग की संभावना ज्यादा रहती है. ऐसे लोग भी यदि तेज शोर में या डीजे में नाचते हैं तो उन्हें भी हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है.''
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तेज शोर में नाचते वक्त रखें ध्यान
दरअसल डीजे के कारण होने वाली हार्ट अटैक की घटनाओं से बचने के लिए डीजे के शोर से बचने की सलाह दी गई है. कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रोशन राव के मुताबिक बारात में शामिल होने से पहले कान में प्लग या कॉटन जरूर लगा लें. इसके अलावा बड़े बुजुर्ग अथवा जिन्हें शुगर की बीमारी है या पहले से हार्ट अटैक आ चुका है, उन्हें शोर सराबे वाली जगहों से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए.