नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस से पूछा कि केवल धरना का आयोजन करना, क्या किसी के खिलाफ UAPA लगाने के लिए पर्याप्त है. जस्टिस नवीन चावला की अध्यक्षता वाली बेंच दिल्ली दंगा के आरोपियों उमर खालिद और शरजील इमाम समेत दूसरे आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर कल यानि 9 जनवरी को भी सुनवाई जारी रखेगा. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि आरोपी एक कानून का विरोध कर रहे थे, और उन्होंने समझा हो कि चक्का जाम भी विरोध करने का एक वैध तरीका है.
क्या विरोध प्रदर्शन करना UAPA लगाने के लिए पर्याप्त है:कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि क्या चक्का जाम करना यूएपीए लगाने के लिए एक पर्याप्त वजह है. दरअसल सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील अमित प्रसाद ने व्हाट्सएप ग्रुप पर हुए चैट का जिक्र किया. अमित प्रसाद ने कहा कि व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये हिंसा को उकसाने की कार्रवाई की गई. उसके बाद कोर्ट ने पूछा कि आपने व्हाट्सएप ग्रुप के दो लोगों को कैसे छोड़ दिया, अगर आप उनकी बातचीत पर भरोसा कर रहे हैं.
दिल्ली पुलिस के वकील से सवाल: सुनवाई के दौरान अमित प्रसाद ने विरोध प्रदर्शनों के वीडियो दिखाए. तब कोर्ट ने कहा कि ये सब कुछ हुआ, ये हम जानते हैं, लेकिन आप ये बताइए कि इससे व्हाट्सएप चैट का क्या रिश्ता है. अमित प्रसाद ने कहा कि शाहीन बाग का आंदोलन स्वत: स्फूर्त नहीं था, बल्कि उसकी योजना बनाई गई थी. अमित प्रसाद ने कहा कि ये आंदोलन स्वत: स्फूर्त कैसे हो सकता है, क्योंकि उस आंदोलन को स्थानीय लोगों का समर्थन नहीं था.