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'इतने कम वेतन में नहीं चलता घर का गुजारा, लेकिन सरकार नहीं सुन रही मांगे', प्रदर्शन करते हुए छलका पैरा कर्मचारियों का दर्द - IPH PARA STAFF PROTEST

जोरावर स्टेडियम में जल शक्ति विभाग के पैरा कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मुलाकात की मांग की.

IPH PARA EMPLOYEES PROTEST IN ZORAWAR STADIUM
जोरावर स्टेडियम में पैरा कर्मचारियों का प्रदर्शन (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 21, 2024, 10:30 AM IST

धर्मशाला: हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन के दौरान पैरा कर्मचारी जोरावर स्टेडियम पहुंचे. चंबा और प्रदेश के अन्य इलाकों से बड़ी संख्या में पैरा कर्मचारियों ने यहां पहुंचकर अपनी मांगों को लेकर जोरदार धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के सत्ता में आने से पहले किए गए वादों के वीडियो भी दिखाए. पैरा कर्मचारियों ने कहा कि उनकी मुख्य मांगे वेतन वृद्धि और नियमितीकरण की हैं. उन्होंने कहा कि उनका मासिक मानदेय इतना कम है कि गुजारा करना मुश्किल हो गया है, इसके बावजूद उनसे नियमित घंटों से ज्यादा काम लिया जाता है.

पैरा कर्मचारियों ने आपदा के समय को किया याद

जोरावर स्टेडियम पहुंचे प्रदर्शनकारी पैरा कर्मचारियों ने कहा कि आपदा के समय में अपनी जान को जोखिम में डालकर हमने काम किया, लेकिन सरकार हमारी समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है. पैरा कर्मचारियों ने कहा कि उन्होंने कई बार उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से मिलने की कोशिश की, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया. मगर आज वो इतनी दूर से अपनी मांगें रखने के लिए जोरावर स्टेडियम में इकट्ठे हुए हैं. ऐसे में हर हाल में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को अपनी समस्याएं बताकर ही यहां से हटेंगे.

सीएम और डिप्टी सीएम से मिलने की मांग पर डटे पैरा कर्मचारी

पैरा पंप एवं मल्टी टास्क संघ जल शक्ति विभाग के प्रदेशाध्यक्ष अमन शर्मा ने कहा कि साल 2017 में कांग्रेस सरकार के समय पैरा कर्मचारियों की भर्ती शुरू हुई थी. 2029 में भाजपा सरकार के समय हमें जल शक्ति विभाग में मर्ज कर दिया गया. उस समय पैरा कर्मचारियों को 3900 से 4600 मासिक वेतन दिया जाता था. वहीं, अब पैरा कर्मचारियों को 5000 से 6300 रुपए मासिक वेतन दिया जाता है. जिससे गुजारा करना भी मुश्किल है. उप मुख्यमंत्री के पास जल शक्ति विभाग का मंत्रालय भी है, लेकिन उन्होंने आज दिन तक हमारी मांगे नहीं सुनी है और न मिलने का टाइम दिया है. अब हम इन से मिलकर ही जाएंगे, वरना यहीं बैठे रहेंगे.

डिप्टी सीएम को याद दिलाए सत्ता में आने से पहले के वादे

वहीं, सत्ता में आने से पहले उप मुख्यमंत्री का वीडियो दिखाया, जिसमें वो कह रहे थे कि 'पक्की नौकरी दी जाएगी. 58 साल वाली पेंशन वाली नौकरी दी जाएगी. ये 2500-3500-4500 वाली नौकरी बिल्कुल बंद की जाएगी'. प्रदेशाध्यक्ष अमन शर्मा ने कहा, "विपक्ष में रहते हुए नौकरियों की बात की थी, लेकिन अब सत्ता में आने के बाद भी कुछ नहीं किया जा रहा है. अभी भी 4500 रुपए मासिक वेतन वाली ही भर्ती चली हुई है. अगर मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री अभी नहीं मिलते हैं तो आगामी फरवरी में धरना प्रदर्शन किया जाएगा, जो तब तक जारी रहेगा जब तक की हमारी मांगे नहीं मानी जाती हैं. 8 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद भी नियमित नहीं किया जा रहा है. सरकार द्वारा हमारा ये शोषण ही किया जा रहा है. इतने कम वेतन में घर का गुजारा नहीं चलता है. हम हर समय सरकार के साथ खड़े रहे, चाहे वो कोरोना हो या आपदा. जान जोखिम में डालकर काम किया, लेकिन सरकार हमारी ओर ध्यान नहीं दे रही है."

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