नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के चेयरमैन ओमा सलाम की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. जस्टिस प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता वाली बेंच ने अंतरिम जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया. ओमा सलाम ने अपनी बेटी की मौत के बाद अंतरिम जमानत की मांग की थी.
अंतरिम जमानत याचिका में कहा गया था कि ओमा सलाम अपनी बेटी की मौत के बाद अपने परिवार के साथ कुछ दिन व्यतीत करना चाहता है. कोर्ट ने अंतरिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि ओमा सलाम प्रभावशाली व्यक्ति हैं और अगर उसे अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया तो वो गवाहों को प्रभावित कर सकता है.
2022 में किया गया था गिरफ्तार
ओमा सलाम ने हाईकोर्ट के पहले ट्रायल कोर्ट में अंतरिम जमानत याचिका दायर की थी. ट्रायल कोर्ट ने अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सलाम को 2022 में तब गिरफ्तार किया गया था जब पीएफआई के खिलाफ केंद्र सरकार ने व्यापक अभियान चलाया था. बता दें कि 28 सितंबर 2022 को केंद्र सरकार ने पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों को पांच सालों के लिए प्रतिबंधित कर दिया था. केंद्र सरकार ने यूएपीए की धारा 3(1) के अधिकारों के तहत ये प्रतिबंध लगाया था.
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केंद्र सरकार ने पीएफआई के सहयोगी संगठनों, रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम्स काउंसिल (एआईसीसी), नेशनल कंफेडरेशन ऑफ ह्यूमन राईट्स आर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ) नेशनल वुमंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल को भी प्रतिबंधित किया है. एनआईए ने कई राज्यों में छापा मारकर पीएफआई के काफी सदस्यों को गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस ने भी करीब पचास स्थानों पर छापा मारकर 30 से ज्यादा पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया था.
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