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इंदौर नगर निगम में एक और घोटाला, स्ट्रीट लाइट मेंटनेंस के नाम पर 1 करोड़ 20 लाख का स्कैम - Indore nagar nigam scam

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर आज कल घोटालों के लिए जाना जा रहा है. इंदौर नगर निगम से आए दिन घोटालों की खबरें आती रहती है. इसी क्रम में अब सवा करोड़ रुपए का स्ट्रीट लाइट घोटाला सामने आया है.

INDORE NAGAR NIGAM SCAM
इंदौर नगर निगम में हुआ स्ट्रीट लाइट मेंटनेंस घोटला (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 16, 2024, 6:06 PM IST

इंदौर।देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के नगर निगम घोटालों का गढ़ बन गया है. अब करीब सवा करोड़ का एलईडी लाइट मेंटेनेंस घोटाला सामने आया है. बता दें कि शहर में लगी एलईडी लाइट के मेंटेनेंस का जो काम ठेके से होना था. वह काम अधिकारी नगर निगम के जरिए करवा रहे थे और ठेके की रकम को अधिकारी जेब में रख रहे थे. कांग्रेस ने इस मामले की शिकायत लोकायुक्त और आर्थिक अपराध ब्यूरो से की है. साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन विभाग से की है.

इंदौर नगर निगम बना घोटाले का अड्डा (ETV Bharat)

सूर्या रोशनी लिमिटेड को 10 करोड़ का मिला था ट्रेंडर

दरअसल, इंदौर शहर की स्ट्रीट लाइटों को बदलने के लिए इंदौर नगर निगम ने दिल्ली की सूर्या रोशनी लिमिटेड को वर्ष 2019 में कॉट्रेक्ट दिया था. इस कॉटेक्ट के बाद शहर के आसपास की करीब 4 हजार एलईडी लाइट लगाने का भी कॉट्रेक्ट इसी कंपनी को दिया गया था. दोनों टेंडरों की लागत 10 करोड़ थी, जिसके तहत कुल 12 हजार एलईडी लाइटें लगाई जानी थी और उनका मेंटेनेंस भी करना था.

सूर्या रोशनी लिमिटेड को करना था मेंटेनेंस

नगर निगम के अधिकारी आशुतोष शर्मा ने सूर्या रोशनी लिमिटेड को टेंडर देने के बाद लाइटों के मेंटेनेंस का कार्य सूर्या रोशनी लिमिटेड की जगह असंवैधानिक तरीके से इंदौर की कंपनी दम्माणी इलेक्ट्रिकल को दिला दिया. जबकि टेंडर अनुसार मेंटेनेंस का कार्य सूर्या रोशनी लिमिटेड को ही करना था. इसके पश्चात सूर्या रोशनी लिमिटेड ने संपूर्ण एलईडी लाइट लगाकर पेमेंट लेकर दिल्ली रवाना हो गई.

फर्जी बिल लगाकर हुआ भुगतान

स्मार्ट सिटी एवं विद्युत विभाग के अधिकारी इन रिप्लेस एलईडी लाइटों का अन्य जगह उपयोग करके फर्जी बिल लगाकर भुगतान मेंटेनेंस के नाम पर ले रहे थे. निगम के अमले के पास मौजूद अन्य एलईडी लाइट को निगम की गाड़ियों से बदला देते हैं. इसके बाद ना तो दम्माणी इलेक्ट्रिकल का पता चला ना ही सूर्या इलेक्ट्रिकल द्वारा मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ली गई. बाद में पड़ताल करने पर पता चला नगर निगम के टेंडर की शर्तों के अनुसार प्रतिवर्ष मेंटेनेंस का 24 लाख रुपये भुगतान स्मार्ट सिटी द्वारा सूर्या रोशनी लिमिटेड को किया जाता हैं, जबकि मेंटेनेंस का काम यह कंपनी पहले ही एक डमी कंपनी को दे चुकी थी.

प्रतिवर्ष 24 लाख रुपये का हो रहा था भुगतान

स्मार्ट सिटी के अधिकारी एंव निगम विद्युत विभाग के अधिकारी दोनों मिलकर डमी कंपनी दम्माणी इलेक्ट्रिकल को मेंटेनेन्स का कार्य कागजों पर दिखाकर स्मार्ट सिटी से प्रतिवर्ष 24 लाख रुपये का भुगतान अपनी जेब में डाला जा रहा था. इस मामले में प्रदेश कांग्रेस महासचिव राकेश सिंह यादव ने इस मामले की आर्थिक अपराध ब्यूरो और लोकायुक्त को अपनी शिकायत दी है. साथ ही साक्ष्य उपलब्ध कराए हैं. स्मार्ट सिटी में सुनियोजित षड़यंत्र रचकर किये गये भ्रष्टाचार में पूर्व अधिकारी राकेश अखंड एंव वर्तमान अधिकारी सुनील गुप्ता की महत्वपूर्ण भूमिका हैं.

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कांग्रेस महासचिव राकेश सिंह ने की शिकायत

इन्हीं अधिकारियों के आदेश पर मेंटेनेंस का कार्य दम्माणी इलेक्ट्रिक से नहीं कराकर निगम के स्टॉप से मेंटेनेंस का कार्य कराया जा रहा है. इस मामले में नगर निगम में स्मार्ट सिटी के सुनील गुप्ता एवं विघुत विभाग के अधिकारी आशुतोष शर्मा व लोकेश मेहता की भूमिका भी बताई जा रही है. कांग्रेस महासचिव राकेश सिंह यादव के अनुसार अभी तक 5 साल में लगभग 1 करोड़ 20 लाख की मेंटेनेंस राशि को लूटकर नगर निगम के विद्युत विभाग से मेंटेनेंस कराकर लगभग 75 लाख का चूना इंदौर नगर निगम को लगाया हैं. कांग्रेस महासचिव राकेश सिंह यादव ने मुख्यमंत्री को सारे घोटाले की जानकारी देने के साथ लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध में शिकायत की है.

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