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सबसे बड़ा आम 'नूरजहां' है नाम, MP में केवल इतने बचे हैं पेड़, सरकार ने उठाया संरक्षण का बीड़ा - Noorjahan mango conservation - NOORJAHAN MANGO CONSERVATION

आमों की मल्लिका 'नूरजहां' आम अपने आकार, स्वाद के लिए जानी जाती है. इसका आकार एक पपीते के बराबर होता है. अफगानिस्तानी मूल के इस आम की खेती मध्य प्रदेश के अलीराजपुर में की जाती है. लेकिन इस आम के पेड़ों की संख्या लगातार घटती जा रही है. जिसका संरक्षण के लिए वन विभाग ने प्रयास तेज कर दिये हैं. वन विभाग ने टिश्यू कल्चर की मदद से नूरजहां के नये पौधे तैयार करने के निर्देश दिये हैं.

NOORJAHAN MANGO CONSERVATION
नूरजहां आम का संरक्षण करेगी एमपी सरकार (Etv Bharat Graphics)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 17, 2024, 1:13 PM IST

Updated : May 17, 2024, 1:18 PM IST

इंदौर, भाषा-पीटीआई। मध्य प्रदेश में अधिकारियों ने राज्य के अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में दुर्लभ नूरजहां आम के पेड़ों की संख्या को बढ़ाने के प्रयासों को नवीनीकृत करने की योजना बनाई है, जो घटकर 10 रह गए हैं. अफगान मूल की मानी जाने वाली नूरजहां आम की किस्म अपने बड़े आकार के लिए जानी जाती है, जिसका वजन 3.5 किलोग्राम से 4.5 किलोग्राम के बीच होता है. इसकी बाजार में कीमत 1000 से 1200 रुपये तक होती है.

आम के पेड़ों की घटती संख्या ने बढ़ाई चिंता

इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) दीपक सिंह ने यहां बागवानी विभाग की एक बैठक के दौरान कहा कि ''अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में नूरजहां के संरक्षण के लिए वैज्ञानिक प्रयास तेज किए जाने चाहिए. दीपक सिंह ने अलीराजपुर जिले में आम के पेड़ों की घटती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए वन विभाग को टिश्यू कल्चर की मदद से नूरजहां के नये पौधे तैयार करने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि, ''नूरजहां आम के महज 10 फलदार पेड़ बचे हैं, हमने हार नहीं मानी है. हम अगले पांच वर्षों में पौधारोपण कर इनकी संख्या 200 तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं.

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वजन में भी आई गिरावट

कृषि विज्ञान केंद्र, अलीराजपुर के प्रमुख डॉ. आरके यादव ने कहा, नूरजहां आम अफगानिस्तानी मूल का है. मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा में इसके पेड़ हैं. हम इस प्रजाति को विलुप्त नहीं होने देंगे. कुछ दशक पहले नूरजहां आम का अधिकतम वजन 4.5 किलोग्राम तक होता था, जो अब घटकर 3.5 से 3.8 किलोग्राम के बीच रह गया है.

इस साल नूरजहां आम की कम पैदावार

आम उत्पादक शिवराज सिंह जाधव, जो नूरजहां के तीन पेड़ों के मालिक हैं, उन्होंने कहा कि इस बार पैदावार कम है. मेरे तीन पेड़ों से सिर्फ 20 आम निकले, बेमौसम बारिश और तूफान उपज में बाधा बनकर आए. उन्होंने कहा कि उनके बगीचे में 3.8 किलोग्राम की सबसे भारी नूरजहां पैदा हुई, जिससे उन्हें पिछले साल 2,000 रुपये मिले, जाधव ने कहा, नूरजहाँ किस्म के पेड़ जनवरी में खिलते हैं और आम जून में बिक्री के लिए आते हैं जब वे पक जाते हैं.

Last Updated : May 17, 2024, 1:18 PM IST

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