शोले के रामगढ़ से लेकर, मुगल-ए-आजम की याद ताजा हो जायेगी, NIFD इंदौर छात्रों का देखिए कमाल - Interior exhibition organized NIFD - INTERIOR EXHIBITION ORGANIZED NIFD
एनआईएफडी इंदौर की तरफ से कॉलेज कैंपस में इंफिलिक्स नामक इंटीरियर एग्जीबिशन का आयोजन किया गया. जिसमें छात्रों ने बॉलीवुड फिल्म शोले के रामगढ़ से लेकर, मुगल-ए-आजम समेत कई फिल्मों व सीरीजों के सेट तैयार किए. ये सेट बनाने में कॉलेज के ढाई सौ छात्रों ने करीब एक महीने का समय लिया.
एनआईएफडी इंदौर में आयोजित किया गया इंटीरियर एग्जीबिशन (Etv Bharat)
एनआईएफडी इंदौर में आयोजित किया गया इंटीरियर एग्जीबिशन (Etv Bharat)
इंदौर। कॉलेज में मिलने वाले किताबी ज्ञान के बावजूद डिजाइनिंग और इंटीरियर एक ऐसी फील्ड है, जिसमें अनुभव के बिना कोई भी इंटीरियर तैयार नहीं हो सकता. यही वजह है कि अब इस सेक्टर के छात्रों को थ्योरी पर आधारित पढ़ाई के अलावा असाइनमेंट के जरिए तरह-तरह के कठिन से कठिन इंटीरियर तैयार कराए जा रहे हैं. इंदौर में इसी प्रयास के चलते इंफिलिक्स नामक एग्जीबिशन में भविष्य के इंटीरियर डिजाइनरों ने अपने एग्जीबिशन में शोले के रामगढ़ से लेकर, मुगल-ए-आजम समेत हैरी पॉटर के युग को अपने डिजाइन में साकार कर दिया.
छात्रों ने कॉलेज कैंपस में बनाया फिल्म शोले का सेट
दरअसल, यह मौका था एनआईएफडी इंदौर द्वारा आयोजित किए गए इंफिलिक्स नामक इंटीरियर एग्जीबिशन का. 3 दिन चले इस एग्जीबिशन में कॉलेज प्रशासन ने अपनी इंटीरियर ब्रांच में फर्स्ट ईयर से लेकर फाइनल ईयर में पढ़ने वाले छात्रों को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स में दर्शाए जाने वाले अलग-अलग जोन पर आधारित इंटीरियर तैयार करने का असाइनमेंट दिया था. लिहाजा इंस्टिट्यूट के करीब ढाई सौ छात्रों ने महीने भर की मेहनत के बाद कॉलेज कैंपस में ही बॉलीवुड फिल्म शोले का सेट तो कहीं हैरी पॉटर फिल्म का भव्य सेट तैयार कर दिया.
इसी तरह फ्रेंड्स सीरीज कार्टून एनीमेशन के सेट्स और मुगल-ए-आजम की थीम पर बाकायदा इंटीरियर तैयार किया गया. छात्रों ने इस एग्जीबिशन में मिश्र की ममी और हॉरर फिल्म सीरीज के सेट इस तरह तैयार किए कि उन्हें देखकर कोई भी आश्चर्य में पड़ जाए. इस एग्जीबिशन को लेकर NIFD इंदौर की प्राचार्य पल्लवी बैंस ने बताया ''इंटीरियर डिजाइन की फील्ड ऐसी है कि उसमें बिना अनुभव कुछ भी संभव नहीं है. यही वजह है कि सभी स्टूडेंट की क्रिएटिविटी के अलावा उनमें इंटीरियर की काबिलियत विकसित करने के लिहाज से इस तरह के एग्जीबिशन के लिए उन्हें असाइनमेंट दिए गए थे. इसके बाद उन्होंने जो तैयार किया वह देखने लायक था. अलग-अलग सेट की फिनिशिंग टेक्सचर और डिजाइन के साथ बनाने के लिए अलग-अलग तरह का मटेरियल का उपयोग किया वह उत्साह जनक रहा. इस तरह के एग्जीबिशन के जरिए स्टूडेंट को रियल लाइफ में लर्निंग और एक्सपीरियंस देना जरूरी है जिससे कि जब वह फील्ड में काम करने जाए तो खुद को फ्रेशर ना महसूस कर सके.''