इंदौर:इंदौर के डेंटल कॉलेज का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रिंसिपल की कुर्सी पर बैठने को लेकर दो अधिकारी आमने-सामने हैं. मामले के अनुसार प्रिंसिपल के पद तैनात डॉ. संध्या जैन व्यक्तिगत काम के चलते छुट्टी पर गई हुई थीं. इसी दौरान कॉलेज में पहले से तैनात महिला डॉक्टर अलका गुप्ता को राज्य सरकार ने प्रिंसिपल के रूप में पदस्थ कर दिया. जब अवकाश से लौटकर डॉ.संध्या जैन आईं तो उन्हें राज्य सरकार के आदेश की जानकारी मिली.
इंदौर डेंटल कॉलेज में प्रिंसिपल की कुर्सी के लिए दो महिलाओं में छिड़ी 'महाभारत' - INDORE DENTAL COLLEGE DISPUTE
इंदौर के शासकीय डेंटल कॉलेज में प्रिंसिपल के पद को लेकर दो महिलाओं के बीच विवाद बढ़ा. दोनों ही कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं.
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : Jan 11, 2025, 3:22 PM IST
इसके बाद डॉ.संध्या जैन राज्य सरकार के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में चली गई. उन्होंने पद पर हुई नियुक्ति को लेकर अपने तर्क रखे. इसके बाद कोर्ट ने एक आदेश जारी कर दिया. डॉ.संध्या जैन का कहना है "मुझे पद पर बने रहने के लिए कोर्ट ने स्टे ऑर्डर दिया है." वहीं डॉ.अलका गुप्ताका कहना है "उन्हें राज्य सरकार ने पदस्थ किया. राज्य सरकार के आदेश पर मैंने पद ग्रहण भी कर लिया है."
- सागर में 'मेडिकल कॉलेज को किया जाए डाॅग सेंचुरी घोषित', डॉक्टर ने केंद्रीय मंत्री को लिखा लेटर
- मेडिकल कॉलेज के एनआरआई कोटे को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई, कोर्ट ने की ये टिप्पणी
स्टाफ और स्टूडेंट्स असमंजस में फंसे
हाई कोर्ट के आदेश के बाद दो महिला डॉक्टर के बीच छिड़े विवाद को लेकर पूरा स्टाफ असमंजस में है. स्टाफ का कहना है कि वे लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि किसके आदेश पर आगे बढ़ा जाए. इस मामले को लेकर स्टूडेंट्स के बीच भ्रम की स्थिति बनी हुई है. वहीं, इस मामले में एक महिला डॉक्टर ने मुख्य ऑफिस की चाबी अपने पास रख ली है. इसको लेकर दोनों महिला अधिकारी एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. डॉ. संध्या यादव अपनी वरिष्ठता का हवाला देकर पद पर दावा कर रही हैं.