इंदौर: देश के सबसे स्वच्छ शहर को अब भिखारी मुक्त शहर बनाने की पहल तेज हो गई है. ऐसे में शहर में भीख मांगने वालों को पकड़कर आश्रय स्थल भेजा जा रहा है. वहीं, अब लोगों को भीख देना भी भारी पड़ सकता है. बताया गया कि अब शहर में भीख देने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यदि कोई व्यक्ति भीख देते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया जा सकता है.
भीख देना पड़ेगा भारी, 1 जनवरी से होगी FIR, भिखारी मुक्त शहर बनाने इंदौर कलेक्टर का फरमान - BEGGAR FREE CITY
इंदौर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने भिखारियों का रेस्क्यू कार्य जारी है. वहीं लोगों को भी भीख नहीं देने के लिए जागरूक किया जा रहा है.
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : Dec 17, 2024, 11:39 AM IST
|Updated : Dec 17, 2024, 12:40 PM IST
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने सोमवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा "इंदौर शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए अभी तक जन जागरण अभियान चल रहा था. लेकिन अब दिसंबर के अंत तक भिखारी के खिलाफ सघन कार्रवाई होगी. जिसमें भिखारी की धर पकड़ के अलावा उन्हें आश्रय स्थल भेजा जाएगा. वहीं योग्य भिखारी को स्वरोजगार आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके बाद भी आदतन जो लोग भीख मांगने चौराहों पर खड़े होते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. वही 1 जनवरी से यदि कोई भीख देते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ भी FIR होगी."
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कुछ ने भीख को बनाया रोजगार
इस मामले में बताया गया कि इंदौर से बड़े पैमाने पर भिक्षुकों को उज्जैन स्थित सेवा धाम आश्रम भेजा गया है. भिक्षुकों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान हाल ही में एक महिला के पास 75 हजार रुपए मिले थे. जबकि इससे पूर्व भी एक अन्य भिक्षुक के पास 1 लाख से अधिक राशि पाई गई थी. इसलिए कई भिक्षुक हैं, जो आदतन भिक्षावृत्ति करते हैं और इसे रोजगार बना लिया है. वहीं, बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में हर साल पड़ोसी राज्यों से भिखारी आकर शहर के चौराहों और सड़कों पर डेरा डालते हैं, जो आए दिन वाहन चालकों को रोककर भीख मांगते नजर आते हैं. हालांकि, इन पर कार्रवाई होती है तो यह अपना क्षेत्र बदल लेते हैं.