इंदौर बावड़ी हादसे पर कोर्ट का फैसला, जांच में देरी पर जताई नाराजगी, मार्च से पहले फाइनल रिपोर्ट पेश करने के आदेश
Indore High Court Bawdi Accident: इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर में हुए बावड़ी हादसे की याचिका पर हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने जांच में देरी को दुर्भाग्यपूर्व बताया है. हाई कोर्ट ने 30 मार्च से पहले जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं.
इंदौर।रामनवमी के दिन इंदौर के जूनी इंदौर थाना क्षेत्र में बेलेश्वर महादेव मंदिर में एक बावड़ी के ढह जाने के कारण 36 लोगों की मौत हो गई थी. इस पूरे मामले को लेकर इंदौर हाई कोर्ट में एक याचिका लगी थी जिस पर शुक्रवार को सुनवाई हुई और सुनवाई होने के बाद कोर्ट ने जांच को लेकर कई तरह की नाराजगी व्यक्त की है. साथ ही कई तरह के सवाल भी खड़े किए हैं. वहीं, मार्च से पहले जांच रिपोर्ट को कोर्ट के समक्ष पेश करने के बात भी कोर्ट ने कही है.
क्यों पेश नहीं किया चालान
इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर पर इंदौर हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. बावड़ी हादसे को लेकर इंदौर हाई कोर्ट की खंडपीठ में एक जनहित याचिका पिछले दिनों लगी थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए इंदौर हाई कोर्ट ने अपना डिसीजन सुनाया है. इंदौर हाई कोर्ट ने न्यायिक जांच में देरी पर सवाल उठाए और इसे दुर्भाग्यपूर्ण भी बताया है. जस्टिस अनिल वर्मा और जस्टिस विवेक रसिया की डबल बेच ने सुनवाई करते हुए कहा कि ''11 जुलाई 2023 को न्यायिक जांच पूरी हो गई थी तो उसे समय पर पेश क्यों नहीं किया.'' उसको लेकर भी इंदौर हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है.
अब तक नहीं हुई किसी की गिरफ्तारी
कोर्ट ने कहा कि इसे अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया, न ही विभागीय जांच पर कोई कार्रवाई की गई है. इंदौर हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया है. इस मामले में जिला अदालत में आपराधिक मामला भी दर्ज किया जाएगा. बताया जा रहा है कि पुलिस ने अभी तक इस पूरे मामले में आपराधिक मामलों में चालान पेश नहीं किया है ना ही इस पूरे मामले में अभी तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी की गई है. और तो और धारा 141 के तहत नोटिस भी जारी नहीं किया गया है.
हाई कोर्ट ने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद कहा कि पुलिस अब इस पूरे मामले में जल्द कार्रवाई पूरी करें. हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान नगर निगम और पुलिस उपायुक्त जूनी इंदौर जोन की निगरानी में 30 मार्च से पहले जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं. बता दे आने वाले 30 मार्च को इस घटना को एक साल हो जाएगा. केस की सुनवाई के दौरान पीड़ितों को मुआवजा के मामले में बेच ने यह कहा है कि यदि मुआवजे की बात है तो पीड़ित पक्ष उचित फोरम पर जाकर मुआवजे की डिमांड कर सकता है. फिलहाल कोर्ट के फैसले के बाद पुलिस और प्रशासन किस तरह से आगे करवाई करती है यह देखने लायक रहेगा.