प्रयागराजः रेलवे कुंभ से पहले 40 साल पुराने सिस्टम को बदलने में जुट गया है. इस काम में रेलवे ने 1000 कर्मचारियों की फौज उतार दी है. इस काम का मकसद है मानवीय चूक पर होने वाले हादसे को पूरी तरह से खत्म करना.
क्या कर रहा है रेलवे: रेलवे की ओर से प्रयागराज यार्ड की रिमॉडलिंग का काम किया जा रहा है. इसके लिए 21 अक्टूबर तक मेगा ब्लॉक लिया गया है. इसमें 1993 से रेलवे के रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉक सिस्टम में बदलना है. आपको बता दें कि रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम वहीं सिस्टम है जिसमें रेलवे की ओर से ट्रेनों को सिगनल के तहत रूट पर पास दिया जाता है. इसके बाद ट्रेनें आगे बढ़ती है. इस सिस्टम में मानवीय चूक पर हादसों की संभावना रहती है.
अब क्या बदलाव हो रहा: रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम को रेलवे अब इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉक सिस्टम से बदलने जा रहा है. इसमें मानवीय चूक की संभावना पूरी तरह से खत्म हो जाएगी. एक ट्रेन के ट्रैक पर गुजर जाने के बाद पीछे से आने वाली ट्रेने को ऑटोमैटिक इलेक्ट्रॉनिक सिगनल मिल जाएगा और ट्रेन ट्रैक से गुजर सकेगी. यह सिस्टम काफी सुरक्षित और कारगर है.
भारतीय रेलवे की ओर से तेजी से जारी है कार्य. (photo credit: etv bharat) कुंभ से पहले पूरा होगा कामःमुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि मुख्य रूप से प्रयागराज यार्ड की रीमॉडलिंग और प्रयागराज रामबाग स्टेशन के बीच रेलवे लाइन के दोहरीकरण का कार्य किया जा रहा है. यह कार्य दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. जनवरी से कुंभ शुरू हो रहा है. कुंभ में आने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए यह तैयारी हो रही है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा कुछ ऐसे क्रॉस भी डाले जा रहे हैं जिसमें सिंगल लाइन पर ट्रेनें के आवागमन को और आसान करेंगे. उन्होंने कहा कि कुंभ से पहले यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा से जुड़े सभी काम पूरे कर लिए जाएंगे.
रेलवे की ओर से दी गई यह जानकारी. (video credit: etv bharat) कुंभ में रोज होगा करीब 200 ट्रेनों का आवागमन: बता दें कि जनवरी 2025 से शुरू होने वाले कुंभ के पहले रेलवे सभी तैयारियां पूरी कर रहा है. बता दें कि कुंभ में आवागमन का मुख्य साधन रेलवे ही है. कुंभ के दौरान प्रयागराज में रोज करीब 200 ट्रेनों का आवागमन होगा. देश के कोने कोने से ट्रेनें कुंभ के लिए पहुंचेगी. ऐसे में रेलवे ने सभी यात्रियों की सुविधा के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी है. इसी के तहत इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉक सिस्टम लगाया जा रहा है. यह ट्रेनों के लिए बेहद सुरक्षित है.
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