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भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन पहुंचे कैंची धाम, किए बाबा नीम करोली के दर्शन - Lakshya Sen reached Kainchi Dham

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 17, 2024, 9:37 PM IST

Lakshya Sen reached Kainchi Dham पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने के बाद भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन आज कैंची धाम पहुंचे, जहां उन्होंने बाबा नीम करोली का आशीर्वाद लिया. इसी बीच उनके साथ उनका पूरा परिवार नजर आया.

Lakshya Sen reached Kainchi Dham
लक्ष्य सेन पहुंचे कैंची धाम (photo- ETV Bharat)

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन पहुंचे कैंची धाम (video-ETV Bharat)

नैनीताल:अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन अपने माता-पिता के साथ कैंची धाम पहुंचे और बाबा नीम करोली महाराज के दर्शन कर आशीर्वाद लिया. इसी बीच उत्तराखंड बैडमिंटन एसोसिएशन सचिव भी मौजूद रहे. कैंची धाम से लक्ष्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात करने के लिए देहरादून के लिए रवाना हुए.

अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन पहुंचे कैंची धाम:अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने बताया कि पेरिस ओलंपिक खेल के लिए काफी मेहनत की थी, लेकिन सफलता नहीं मिली. एक बार फिर मेहनत कर ओलंपिक पदक जीतने के लिए कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कई अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप होने वाली हैं, जिन्हें जितना उनका लक्ष्य है. इस ओलंपिक में जो कमियां रह गई थी, उन्हें दूर कर अगले ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीतेंगे.

पिता बोले भविष्य में पदक जीतेगा लक्ष्य:लक्ष्य के पिता डीके सेन ने बताया कि इस ओलंपिक में लक्ष्य को काफी कुछ सीखने को मिला है. आने वाले दिनों में होने वाली विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं में लक्ष्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन करेगा. वहीं, उत्तराखंड बैडमिंटन एसोसिएशन सचिव बीएस मनकोटी ने कहा कि लक्ष्य का ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा. लक्ष्य विश्व का सबसे प्रसिद्ध खिलाड़ी बन गया है. अगले ओलंपिक में लक्ष्य भारत के लिए आवश्यक रूप से पदक जीतेगा.

पहला ओलंपिक पदक जीतने से चूके लक्ष्य:बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने ओलंपिक में पुरुष बैडमिंटन में सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय शटलर के रूप में इतिहास रच दिया. उन्होंने राउंड ऑफ 16 में इंडोनेशिया के जोनाथन क्रिस्टी और हमवतन एचएस प्रणय जैसे शीर्ष खिलाड़ियों पर जीत के साथ अपने ग्रुप में शीर्ष स्थान हासिल किया. उन्होंने क्वार्टर फाइनल में चोउ टिएन-चेन को भी चौंका दिया, लेकिन सेमीफाइनल में डेनमार्क के विश्व नंबर 1 विक्टर एक्सेलसन से हारने के बाद वे अपना पहला ओलंपिक पदक जीतने से चूक गए.

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