खटीमा: उत्तराखंड में कांग्रेस की निकाय में हुई बड़ी हार के बाद अब उसके साइड इफेक्ट भी सामने आने लगे हैं. खटीमा में निकाय चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने खटीमा कांग्रेस अध्यक्ष रवीश भटनागर को 6 साल के लिए निष्कासित किया है. रवीश भटनागर पर निर्दलीय प्रत्याशी को चुनाव लड़ाने का आरोप है. वहीं, अब रवीश भटनागर ने प्रेस वार्ता कर पार्टी की कार्रवाई पर बड़े सवाल खड़े किए हैं.
कांग्रेस से निष्कासित होने के बाद रवीश भटनागर ने कहा कि बीते 32 साल से उन्होंने कांग्रेस पार्टी में रहकर पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए कार्य किया है, लेकिन पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. ये उनके साथ अन्याय है, इसलिए वह उनके साथ हुए अन्याय को लेकर लड़ाई लड़ेंगे. साथ ही अपने समर्थकों और साथियों के साथ चर्चा कर जल्द बड़ा फैसला लेंगे.
रवीश भटनागर ने कहा कि मैने बीते 32 सालों से कांग्रेस पार्टी के लिए पूरे मनोयोग से उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में काम किया है. इस बार निकाय चुनाव ने उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी, लेकिन उन्होंने फिर भी पार्टी के लिए कार्य किया था. उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक ने अपना प्रभाव दिखाकर प्रदेश अध्यक्ष के माध्यम से उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित करवा दिया है. पार्टी को पहले कारण बताओ नोटिस देना जाना चाहिए था.
रवीश भटनागर ने कहा कि पार्टी के वरिष्ट नेता हरीश रावत और पिथौरागढ़ में विधायक मयूख महर ने पार्टी प्रत्याशी के विरुद्ध निर्दलीय को चुनाव लड़ाया, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई ना होकर छोटे कार्यकर्ता पर कार्रवाई का चाबुक चलाया गया है. उन्होंने कहा कि उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थन में कही भी देखा गया हो या पार्टी के पास कोई सबूत हो तो वो पेश कर सकती है, लेकिन पार्टी के बीते 32 सालों की निष्ठा को नजर अंदाज कर उनके साथ पार्टी ने अन्याय किया है.
रवीश भटनागर ने कहा कि पूरे प्रदेश में पार्टी की बड़ी हार हुई है, इसलिए इस हार की सभी को सार्वजनिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी, लेकिन खटीमा में हार का ठीकरा उन पर फोड़ने के लिए अनर्गल आरोप लगाकर उन्हें पार्टी से निष्कासित किए जाने का कार्य किया गया है.
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