देहरादून: नौगांव सेब सहकारी समिति में हुये सेब घोटाले पर राज्य सरकार ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. जिसके क्रम में विभागीय मंत्री ने इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपने की अनुमति दे दी है. कुछ समय पहले नौगांव सेब सहकारी समिति में सेब को खरीद और बिक्री में अनियमितताओं की शिकायत मिली थी. जिस पर विभागीय जांच कराई गई. विभागीय प्रारंभिक जांच में करोड़ों की हेराफेरी का मामला सामने आया. साथ भी एसआईटी जांच की सिफारिश की गई. जिसके आधार पर विभागीय मंत्री धन सिंह रावत ने एसआईटी जांच की अनुमति दे दी है.
एनसीडीसी प्रोजेक्ट के तहत उत्तरकाशी में सेब काश्तकारों को प्रोत्साहन देने के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 और वित्तीय वर्ष 2021-22 में अनामृत फार्म एज ऑनर्स कंपनी से एक संयुक्त उद्यम पार्टनरशिप के आधार पर किया गया था. जिसमें सेब काश्तकारों से सेब खरीदकर बाजार में बेचा जाना था. सेब की बिक्री एफएफटीएच से की गई थी. जिसने समिति को बिक्री किये गये सेबों के बिल बावउचर उपलब्ध नहीं कराये. साथ ही बैंक खाते का विवरण भी उपलब्ध नहीं कराया.
इस संबंध में समिति के संचालक मंडल ने निबंधक सहकारी समितियां, उत्तराखंड एवं परियोजना निदेशक राज्य सहकारी विकास परियोजना को लिखित रूप से शिकायत उपलब्ध कराई. जिस पर विभागीय जांच बिठाई गई. विभागीय जांच में सेब के क्रय-विक्रय में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां मिली. इस पूरे घोटाले की जांच के लिये विभागीय जांच समिति ने उच्च स्तरीय जांच की सफारिश की है. जिसके चलते विभागीय मंत्री धन सिंह रावत ने बड़ा एक्शन लेते हुये घोटाले की जांच एसआईटी को सौंपने की अनुमति दे दी है.
विभागीय मंत्री धन सिंह रावत ने कहा विभागीय जांच में सेब क्रय-विक्रय में बड़े पैमाने पर धांधली पाई गई. जिसको आधार बनाकर इसकी जांच एसआईटी को सौंपने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा सेब क्रय-विक्रय के घोटालेबाजों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा. एसआईटी की रिपोर्ट आने के पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा सरकार ने एनसीडीसी के माध्यम से लगभग चार करोड़ का बजट पायलट प्रोजेक्ट के लिये दिया था. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य सेब काश्तकारों को प्रोत्साहित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था.
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