बीकानेर: भारत और मिस्र की सेनाओं का संयुक्त युद्धाभ्यास साइक्लोन का तीसरा संस्करण राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में सोमवार से शुरू हो चुका है. यह संयुक्त युद्धाभ्यास 23 फरवरी 2025 तक चलेगा. सेना प्रवक्ता कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि साइक्लोन युद्धाभ्यास एक वार्षिक कार्यक्रम है, जो बारी-बारी भारत और मिस्र के बीच आयोजित किया जाता है. इस अभ्यास का पिछला संस्करण जनवरी 2024 में मिस्र में आयोजित हुआ था.
25-25 सैनिकों की टुकड़ी : इस अभ्यास में भारतीय सैन्य दल की तरफ से दो स्पेशल फोर्सेज की बटालियनों के 25 सदस्य शामिल होंगे. मिस्र का दल भी 25 सदस्यीय होगा, जिसका प्रतिनिधित्व मिस्र के विशेष बल समूह और टास्क फोर्स द्वारा किया जाएगा. साइक्लोन अभ्यास का उद्देश्य अंतरसंचालन, संयुक्तता और विशेष युद्ध संचालन रणनीति के आपसी आदान-प्रदान को बढ़ाकर दोनों देशों के बीच सैन्य संबंध को बढ़ावा देना है. यह अभ्यास उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना और संयुक्त सामरिक अभ्यास पर केंद्रित होगा.
रणनीति कौशल संचालन का आदान-प्रदान : शर्मा ने बताया कि साइक्लोन अभ्यास के दौरान जो ड्रिल्स और पहलू अभ्यस्त किए जाएंगे, उनमें उन्नत विशेष बल कौशल और विभिन्न तकनीकें, रणनीतियां और प्रक्रियाएं शामिल होंगी, जो वर्तमान ऑपरेशन्स प्रतिमान के तरीकों के अनुसार होगा. शर्मा ने कहा कि युद्धाभ्यास के आखिरी चरण में 48 घंटे के विशेष प्रैक्टिकल अभ्यास के साथ खत्म होगा, जिसमें रेगिस्तानी और अर्ध-रेगिस्तानी इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए सामरिक ड्रिल्स का अभ्यास और सत्यापन किया जाएगा.
पढ़ें :धमाकों की गूंज से थर्राया महाजन फील्ड फायरिंग रेंज, युद्धाभ्यास में भारत-अमेरिकी सेना ने दुश्मनों का किया खात्मा - India US Joint Military Exercise
अभ्यास में स्वदेशी सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन और मिस्र के रक्षा विनिर्माण उद्योग का अवलोकन भी शामिल होगा. अभ्यास साइक्लोन दोनों पक्षों को सामरिक संचालन करने की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में अपने सर्वोत्तम अभ्यासों को साझा करने में सक्षम बनाएगा. यह अभ्यास दोनों सेनाओं के सैनिकों के बीच सहयोग विकसित करने में भी मददगार साबित होगा.