सतना :जेल में जिन बंदियों का व्यवहार और आचरण अच्छा होता है, उनकी सजा कम होने की संभावना रहती है. ऐसे बंदियों को स्वतंत्रता दिवस पर सजा कम या माफ कर छोड़ दिया जाता है, जिससे वे फिर नए जीवन की सकारात्मकता के साथ शुरुआत करें. सतना जेल में 14 सालों से बंद मिठाई लाल भी उनमें से एक है, जिसने अपने अच्छे व्यवहार और आचरण के चलते सजा से मुक्ति पा ली, साथ ही जेल में लगातार सेवा कार्य व गौ सेवा कर 1 लाख रु से ज्यादा कमा लिए. 15 अगस्त के मौके पर मिठाईलाल को रिहा कर दिया गया, जहां से वह अपने घर रवाना हुआ.
सतना जेल से 24 कैदी रिहा
मध्य प्रदेश की सतना केंद्रीय जेल से 15 अगस्त के अवसर पर कुल 24 बंदियों की रिहाई की गई. पूरे प्रदेश में करीब 177 कैदियों की रिहाई की जा रही है, जिनमें से सबसे ज्यादा कैदी सतना केंद्रीय जेल से छोड़े गए हैं. सतना जेल से रिहा किए गए 24 बंदी सतना सहित पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, शहडोल और मैहर जिले के निवासी हैं. इसमें सबसे खास कहानी 45 साल के मिठाईलाल गौड़ की है, जिसने 14 वर्ष की सजा में जेल के अंदर रहकर 12 सालों तक जन सेवा कार्य और गौ सेवा के कार्य किए. इस सेवा कार्य के चलते उसे जेल से 1लाख 2 हजार रुपए पारिश्रमिक दिया गया है.
हत्या के मामले में काटी जेल
जानकारी के मुताबिक मिठाई लाल 23 मार्च 2011 में केंद्रीय जेल सतना में अपनी प्रेमिका की हत्या करने के जुर्म में जेल गया था. 14 साल की सजा काटने के बाद स्वतंत्रता दिवस पर उसे रिहा किया गया. मिठाईलाल ने बातया कि वह पन्ना जिले का रहने वाला है और जेल से जाने के बाद अपना व्यापार शुरू कर परिवार का पालन पोषण करेगा. केंद्रीय जेल से मिठाईलाल के साथ-साथ हत्या की सजा काट रहे दो सगे भाईयों को भी रिहा किया गया. इन दो भाईयों ने भी अपने गुनाहों के लिए 14 वर्ष की सजा पूरी काट ली.