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बूंदी विधायक ने अवैध खनन के खिलाफ अभियान पर उठाए सवाल, कहा- पुलिस फैला रही आतंक

विधानसभा में मंगलवार को बूंदी से कांग्रेस के विधायक हरिमोहन शर्मा ने अवैध खनन की रोकथाम को लेकर चलाए जा रहे अभियान के दौरान अनियमितताओं का मुद्दा उठाया.

अवैध खनन के खिलाफ अभियान पर उठाए सवाल
अवैध खनन के खिलाफ अभियान पर उठाए सवाल

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 30, 2024, 4:40 PM IST

अवैध खनन के खिलाफ अभियान पर उठाए सवाल

जोधपुर. विधानसभा में मंगलवार को शून्यकाल में कांग्रेस के विधायक हरिमोहन शर्मा ने प्रदेश सरकार की 100 दिवस की कार्य योजना के तहत अवैध खनन की रोकथाम को लेकर चलाए जा रहे अभियान के दौरान अनियमितताओं का मुद्दा उठाया. बूंदी विधायक ने कहा कि अवैध खनन तय करना माइनिंग विभाग का काम है, लेकिन यह काम पुलिस ही करने लगी है. उन्होंने बूंदी जिले का उदाहरण बताते हुए कहा कि वहां के पुलिस अधीक्षक ने एक दिन एक प्रेस नोट जारी कर अवैध खनन रोकने की जानकारी के साथ कुछ लोगों को पकड़ने और सामान जब्त करने की जानकारी जारी कर दी, लेकिन बाद में पता चला कि वह अवैध खनन नहीं था, तो कहा गया कि जो सामान जब्त किया गया है वह लावारिस है.

हरिमोहन शर्मा ने कहा कि इस तरह से पुलिस अपने स्तर पर निर्णय ले रही है, यह गलत है, जबकि यह तय करना माइनिंग विभाग का काम है, इसमें माइनिंग विभाग को शामिल किया जाए, क्योंकि पुलिस के कारण कई वैध क्रेशर बंद हो गए हैं. बारां विधायक कांवरलाल ने मेडिकल कॉलेज क्षेत्र में निजी भूमि होने का मामला उठाया कहा कि सरकारी अधिग्रहण जमीन में निजी भूमि कैसे रह गई? सिवाना विधायक हमीर सिंह ने क्षेत्र में पेयजल की परेशानी उठाई.

इसे भी पढ़ें-बूंदी की नमामा थाना पुलिस की कार्रवाई, बड़ी मात्रा में अवैध खनन का सामान और संसाधन जब्त

तेजाजी मंदिर को तीर्थ सर्किट में शामिल करें :किशनगढ़ विधायक विकास चौधरी ने शून्य काल में किशनगढ़ क्षेत्र के सुरपुरा गांव में स्थित तेजाजी के मंदिर में पैनोरमा बनाकर इस मंदिर को अजमेर और पुष्कर के साथ जोड़ते हुए तीर्थ सर्किट बनाने की मांग की. उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

नोटिफिकेशन से हालात विकट :शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि जैसलेमर और बाड़मेर जिले को लेकर 1981 में जारी नोटिफिकेशन से यहां के 73 गांवों के लिए हालात विकट हो गए हैं. इन गावों में कोई डामर की सड़क नहीं है. स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी बनी हुई है. सरकार को चाहिए कि मंत्रियों की एक कमेटी बनाकर वस्तुस्थिति जानी जाए, जिससे 73 गांवों के लोगों की परेशानी का निवारण हो सके.

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