नई दिल्ली: महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे गुरुवार को आने वाले हैं. इस बीच परिणाम के एक दिन पहले विपक्षी गठबंधन के सदस्यों द्वारा मतगणना के दिन की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया. इसके चलते महा विकास अघाड़ी (MVA) खेमे में 'खुशी लेकिन सतर्कता' का माहौल है. इस संबंध में महाराष्ट्र के एआईसीसी प्रभारी रमेश चेन्निथला ने ईटीवी भारत से कहा, "एमवीए अगली सरकार बनाने के लिए तैयार है. लोगों ने बदलाव के लिए वोट दिया है."
वहीं, एमवीए के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, खेमे में खुशी इसलिए है क्योंकि गठबंधन को आरामदायक बहुमत मिलने की संभावना है और सावधानी इसलिए है क्योंकि अगर मुकाबला करीबी रहा और महायुति को सत्ता बरकरार रखने के लिए कुछ अतिरिक्त विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ी तो भाजपा संख्या बढ़ाने के लिए धनबल का इस्तेमाल कर सकती है.
'एमवीए में खुशी का माहौल'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरण सिंह सपरा ने ईटीवी भारत से कहा, "एमवीए में खुशी का माहौल है, लेकिन सतर्कता के साथ. हमारा आकलन है कि हम 160-165 सीटों के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं." उन्होंने कहा कि हमने सुना है कि भगवा पार्टी अपने विधायकों को लाने-ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर बुक कर रही है और विधायकों की सुरक्षा के लिए मुंबई में होटल बुक कर रही है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि एमवीए में कोई घबराहट नहीं है, लेकिन हमने अपने सभी उम्मीदवारों को निर्देश जारी कर दिए हैं. उन्हें 23 नवंबर को अपने जीत के प्रमाण पत्र लेने के बाद जल्द से जल्द मुंबई पहुंचने के लिए कहा है. गठबंधन के विधायकों की बैठक 24 नवंबर को हो सकती है."
सपरा ने कहा कि परिणामों के बाद हम सभी बैठकर मुख्यमंत्री और अन्य मुद्दों को शांतिपूर्वक अंतिम रूप देंगे. नई सरकार का एजेंडा पहले ही तय हो चुका है और इसे जनता के साथ साझा किया गया है.
शिवसेना और एनसीपी में टूट
सूत्रों ने 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद की घटनाओं को याद किया, जब गठबंधन को राजभवन में अपने विधायकों की परेड कर यह दिखाना पड़ा था कि उसके पास सरकार बनाने के लिए आवश्यक संख्या है, जबकि भाजपा उसे सत्ता में आने से रोकने की कोशिश कर रही थी. भगवा पार्टी इस बात से नाराज थी कि लंबे समय से सहयोगी रही शिवसेना ने कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी से हाथ मिला लिया था. बाद में क्रमशः 2022 और 2023 में शिवसेना और एनसीपी टूट गई.
इसे ध्यान में रखते हुए, तीन मुख्य घटकों कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी (शरद पावर) के शीर्ष नेताओं ने 20 नवंबर को मतदान के बाद विपक्षी समूह के प्रदर्शन का आकलन करने और परिणाम दिवस की तैयारी करने के लिए गुरुवार और शुक्रवार को दो दौर की बैठकें कीं.
MVA को 160-165 सीट जीतने की उम्मीद
गठबंधन के भीतर आम राय यह है कि एमवीए 288 सीटों में से 160-165 सीटें जीतेगी, जबकि कांग्रेस को लगभग 70 सीटें मिलेंगी. मतदान के दिन के बाद एमवीए का ताजा आकलन पुख्ता हुआ और यह शुरुआती अनुमानों से थोड़ा कम था, जिसमें दिखाया गया था कि गठबंधन 170 से अधिक सीटें जीतेगा. इसके विपरीत, भाजपा महायुति के भीतर सबसे बड़ी पार्टी होगी, लेकिन उसे 100 से कम सीटें मिलने की संभावना है.
यह देखते हुए कि अगर आवश्यक हो तो भगवा पार्टी द्वारा निर्दलीय विधायकों को टारगेट बनाया जा सकता है. इस पर एमवीए के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि विपक्षी गठबंधन के मजबूत क्षेत्रीय नेता अस्थिर विधायकों का मैनेज करेंगे. सूत्रों ने स्वीकार किया कि 23 नवंबर की दोपहर तक संख्याओं की पुष्टि होने के बाद, सभी अटकलें गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर आ जाएंगी, लेकिन इस मुद्दे को सावधानी से संभाला जाएगा.