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पूर्व आरपीएससी सदस्य कटारा ने सरकारी गवाह बनने की मंशा जताकर मांगा क्षमादान, कोर्ट ने खारिज किया प्रार्थना पत्र

न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे बाबूलाल कटारा के सरकारी गवाह बनकर क्षमादान चाहने वाले प्रार्थना पत्र को निचली अदालत ने किया खारिज.

Paper Leak Case
एसआई भर्ती पेपर लीक केस (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 5 hours ago

जयपुर : एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरपीएससी के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा सरकारी गवाह बनकर क्षमादान चाहने की मंशा जताते हुए निचली अदालत में प्रार्थना पत्र पेश किया है. हालांकि, अदालत ने कटारा के इस प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-1 महानगर द्वितीय के पीठासीन अधिकारी बीएल चंदेल ने प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए कहा कि मामले में पूर्व में 67 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र पेश हो चुका है.

अदालत ने कहा कि कटारा को अन्य आरोपी रामूराम राइका व अन्य की साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तार किया गया था और अन्य आरोपी कटारा से पूर्व गिरफ्तार हो चुके थे. इसके अलावा मामले में ऐसी परिस्थितियां मौजूद हैं कि कटारा को सरकारी गवाह बनाए बिना भी पत्रावली में पर्याप्त साक्ष्य हैं. इसके साथ ही अदालत ने मामले में निचली अदालत की ओर से आरोपी कटारा का प्रार्थना पत्र खारिज करते के आदेश को सही माना है.

इसे भी पढ़ें - SI भर्ती पेपर लीक में कटारा और राईका रिमांड पर, इनके कार्यकाल की भर्तियों की निष्पक्षता पर सवाल, क्या एक्शन लेगी SOG?

सीआरपीसी की धारा 306 के तहत पेश प्रार्थना पत्र में कटारा की ओर से कहा गया कि वह स्वेच्छा से माफी गवाह बनने का इच्छुक है. वह घटना को लेकर अदालत के समक्ष साक्ष्य पेश करने की इच्छा रखता है. ऐसे में उसे क्षमादान दिया जाए. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उसने निचली अदालत में भी यह प्रार्थना पत्र पेश किया था. जिसका जांच एजेंसी ने विरोध नहीं किया था.

ऐसे में निचली अदालत ने उसका प्रार्थना पत्र गलत तरीके से खारिज किया है. मामले में फिलहाल अनुसंधान लंबित है. इसलिए उसे माफी गवाह बनाकर क्षमादान दिया जाए. वहीं मामले के परिवादी नियाज मोहम्मद खान की ओर से कहा गया कि यदि कटारा महत्वपूर्ण साक्ष्य देता है तो उसे कोई एतराज नहीं है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने कटारा के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है.

जयपुर : एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरपीएससी के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा सरकारी गवाह बनकर क्षमादान चाहने की मंशा जताते हुए निचली अदालत में प्रार्थना पत्र पेश किया है. हालांकि, अदालत ने कटारा के इस प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-1 महानगर द्वितीय के पीठासीन अधिकारी बीएल चंदेल ने प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए कहा कि मामले में पूर्व में 67 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र पेश हो चुका है.

अदालत ने कहा कि कटारा को अन्य आरोपी रामूराम राइका व अन्य की साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तार किया गया था और अन्य आरोपी कटारा से पूर्व गिरफ्तार हो चुके थे. इसके अलावा मामले में ऐसी परिस्थितियां मौजूद हैं कि कटारा को सरकारी गवाह बनाए बिना भी पत्रावली में पर्याप्त साक्ष्य हैं. इसके साथ ही अदालत ने मामले में निचली अदालत की ओर से आरोपी कटारा का प्रार्थना पत्र खारिज करते के आदेश को सही माना है.

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सीआरपीसी की धारा 306 के तहत पेश प्रार्थना पत्र में कटारा की ओर से कहा गया कि वह स्वेच्छा से माफी गवाह बनने का इच्छुक है. वह घटना को लेकर अदालत के समक्ष साक्ष्य पेश करने की इच्छा रखता है. ऐसे में उसे क्षमादान दिया जाए. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उसने निचली अदालत में भी यह प्रार्थना पत्र पेश किया था. जिसका जांच एजेंसी ने विरोध नहीं किया था.

ऐसे में निचली अदालत ने उसका प्रार्थना पत्र गलत तरीके से खारिज किया है. मामले में फिलहाल अनुसंधान लंबित है. इसलिए उसे माफी गवाह बनाकर क्षमादान दिया जाए. वहीं मामले के परिवादी नियाज मोहम्मद खान की ओर से कहा गया कि यदि कटारा महत्वपूर्ण साक्ष्य देता है तो उसे कोई एतराज नहीं है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने कटारा के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है.

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