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पश्चिमी राजस्थान के किसान अब बनेंगे ड्रोन पायलट, ट्रेनिंग सेंटर का हुआ शुभारंभ

किसानों को ड्रोन पायलट बनाने के लिए कृषि विश्वविद्यालय ने रिमोट पायलट ट्रेनिंग सेंटर का शुभारंभ किया है.

Drone Pilot Training in Jodhpur
रिमोट पायलट ट्रेंनिंग सेंटर का शुभारंभ (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 22, 2024, 8:22 PM IST

जोधपुर: कृषि विश्वविद्यालय ने किसानों के हित में नवाचार करते हुए पश्चिमी राजस्थान में पहला रिमोट पायलट ट्रेंनिंग सेंटर का शुभारंभ किया है. इस ट्रेनिंग सेंटर में किसानों एवं युवाओं को किसान ड्रोन उड़ानें का प्रशिक्षण दिया जाएगा. ड्रोन तकनीक सीखने के बाद युवा एवं किसान ना सिर्फ आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेंगे, बल्कि पानी की बचत सहित पेस्टिसाइड से होने वाले विभिन्न नुकसानों से भी खुद को सुरक्षित रख पाएंगे.

कृषि विश्वविद्यालय में रिमोट पायलट प्रशिक्षण सेंटर के लांचिंग के मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरुण कुमार ने कहा कि नई तकनीक का उपयोग समझदारी से किया जाए, तो परिणाम बेहतर मिलते हैं. उन्होंने कहा कृषि क्षेत्र में ड्रोन की उपयोगिता और उसके इस्तेमाल को लेकर विशेषज्ञ तैयार करने के लक्ष्य से यह प्रशिक्षण प्रोग्राम शुरू किया गया है. इसके माध्यम से किसान और जो लोग इसका प्रशिक्षण लेना चाहेंगे, उनके लिए विश्वविद्यालय हर संभव मदद करेगा. ड्रोन ट्रेंनिंग के लिए कृषक के दसवीं पास की अनिवार्यता के संबंध में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास इस संबंध में निवेदन भी विश्वविद्यालय की ओर से किया जाएगा.

पढ़ें: सरकारी स्कूलों की बदल रही तस्वीर, रोबोटिक्स, कोडिंग, ड्रोन जैसी टेक्नोलॉजी का दिया जा रहा प्रशिक्षण

लॉन्चिंग के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि शुरुआत में जब नई तकनीक आती है, तो झिझक होती है, लेकिन जब फायदा मिलता है तो लोग जुड़ते चले जाते हैं. उन्होंने किसानों को ड्रोन से जुड़ी हर छोटी से छोटी जानकारी को गहनता से समझने एवं सीखने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि किसान अगर रासायनिक छिड़काव के लिए ड्रोन का उपयोग करेगा, तो खुद को सुरक्षित रखने के साथ गांव एवं समाज का भी भला करेगा.

पढ़ें: Rajasthan: नहीं देखा होगा ऐसा ड्रोन शो, साक्षात हुए प्रभु श्रीराम के दर्शन! आसमान में दिखी अयोध्या की दिवाली

ये होंगे ड्रोन‌ से छिड़काव के फायदे: ड्रोन ट्रेंनिंग के लिए कृषि विश्वविद्यालय के साथ एमओयू करने वाली कंपनी रेड बर्ड प्राइवेट लिमिटेड से शेल्का गुप्ता एवं विसरोन प्राइवेट लिमिटेड से निदेशक विनय यादव भी इस मौके पर विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे. उन्होंने ड्रोन से होने वाले विशेष फायदे, पानी की बचत, हानिकारक कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव, लेबर में कमी, केमिकल छिड़काव के समय ट्रैक्टर से फसल को होने वाले नुकसान सहित अन्य फायदों से किसानों को जागरूक किया.

पढ़ें: अब ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की खैर नहीं, ड्रोन से ट्रैफिक की होगी निगरानी, वाहनों का कटेगा चालान - Control on Traffic Through Drone

किसानों ने रखी जिज्ञासाएं: कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में मौजूद किसानों ने ड्रोन से संबंधित विभिन्न जिज्ञासाओं को रखा. साथ ही प्रशिक्षकों से उसका हल भी प्राप्त किया. लॉन्चिंग सेरेमनी के दौरान ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण देने के लिए प्रशिक्षक, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बिकानेर के अधिकारी सहित कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के सभी डीन एवं डायरेक्टर्स व‌ प्रगतिशील किसान मौजूद रहे.

जोधपुर: कृषि विश्वविद्यालय ने किसानों के हित में नवाचार करते हुए पश्चिमी राजस्थान में पहला रिमोट पायलट ट्रेंनिंग सेंटर का शुभारंभ किया है. इस ट्रेनिंग सेंटर में किसानों एवं युवाओं को किसान ड्रोन उड़ानें का प्रशिक्षण दिया जाएगा. ड्रोन तकनीक सीखने के बाद युवा एवं किसान ना सिर्फ आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेंगे, बल्कि पानी की बचत सहित पेस्टिसाइड से होने वाले विभिन्न नुकसानों से भी खुद को सुरक्षित रख पाएंगे.

कृषि विश्वविद्यालय में रिमोट पायलट प्रशिक्षण सेंटर के लांचिंग के मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरुण कुमार ने कहा कि नई तकनीक का उपयोग समझदारी से किया जाए, तो परिणाम बेहतर मिलते हैं. उन्होंने कहा कृषि क्षेत्र में ड्रोन की उपयोगिता और उसके इस्तेमाल को लेकर विशेषज्ञ तैयार करने के लक्ष्य से यह प्रशिक्षण प्रोग्राम शुरू किया गया है. इसके माध्यम से किसान और जो लोग इसका प्रशिक्षण लेना चाहेंगे, उनके लिए विश्वविद्यालय हर संभव मदद करेगा. ड्रोन ट्रेंनिंग के लिए कृषक के दसवीं पास की अनिवार्यता के संबंध में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास इस संबंध में निवेदन भी विश्वविद्यालय की ओर से किया जाएगा.

पढ़ें: सरकारी स्कूलों की बदल रही तस्वीर, रोबोटिक्स, कोडिंग, ड्रोन जैसी टेक्नोलॉजी का दिया जा रहा प्रशिक्षण

लॉन्चिंग के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि शुरुआत में जब नई तकनीक आती है, तो झिझक होती है, लेकिन जब फायदा मिलता है तो लोग जुड़ते चले जाते हैं. उन्होंने किसानों को ड्रोन से जुड़ी हर छोटी से छोटी जानकारी को गहनता से समझने एवं सीखने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि किसान अगर रासायनिक छिड़काव के लिए ड्रोन का उपयोग करेगा, तो खुद को सुरक्षित रखने के साथ गांव एवं समाज का भी भला करेगा.

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ये होंगे ड्रोन‌ से छिड़काव के फायदे: ड्रोन ट्रेंनिंग के लिए कृषि विश्वविद्यालय के साथ एमओयू करने वाली कंपनी रेड बर्ड प्राइवेट लिमिटेड से शेल्का गुप्ता एवं विसरोन प्राइवेट लिमिटेड से निदेशक विनय यादव भी इस मौके पर विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे. उन्होंने ड्रोन से होने वाले विशेष फायदे, पानी की बचत, हानिकारक कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव, लेबर में कमी, केमिकल छिड़काव के समय ट्रैक्टर से फसल को होने वाले नुकसान सहित अन्य फायदों से किसानों को जागरूक किया.

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किसानों ने रखी जिज्ञासाएं: कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में मौजूद किसानों ने ड्रोन से संबंधित विभिन्न जिज्ञासाओं को रखा. साथ ही प्रशिक्षकों से उसका हल भी प्राप्त किया. लॉन्चिंग सेरेमनी के दौरान ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण देने के लिए प्रशिक्षक, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बिकानेर के अधिकारी सहित कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के सभी डीन एवं डायरेक्टर्स व‌ प्रगतिशील किसान मौजूद रहे.

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