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जल जीवन मिशन घोटाला: ईडी ने चार्जशीट में कहा-संजय बड़ाया ने ली 5.40 करोड़ की घूस, पूर्व मंत्री का करीबी है आरोपी - JJM scam

जल जीवन मिशन घोटाले में ईडी ने धनशोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के तहत कोर्ट में दूसरी चार्जशीट पेश की है. इसमें पीएचईडी के ठेकेदार पदमचंद जैन, महेश मित्तल, प्रॉपर्टी कारोबारी संजय बड़ाया और मुकेश पाठक का जिक्र है.

जल जीवन मिशन घोटाला
जल जीवन मिशन घोटाला (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 9, 2024, 3:41 PM IST

जयपुर : जल जीवन मिशन घोटाले में धनशोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के तहत जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में दूसरी चार्जशीट पेश की है. इस ताजा चार्जशीट में ईडी ने पूर्व मंत्री महेश जोशी के करीबी प्रॉपर्टी कारोबारी संजय बड़ाया, पीएचईडी के ठेकेदार पदमचंद जैन, महेश मित्तल और एक अन्य मुकेश पाठक पर आरोप लगाए हैं. ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि आरोपियों के खातों में 500 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ है, जबकि पदमचंद जैन और महेश मित्तल ने संजय बड़ाया को 5.40 करोड़ रुपए की घूस दी है. ईडी ने इस मामले में सबसे पहले पदमचंद जैन के बेटे पीयूष जैन को गिरफ्तार किया था और पहली चार्जशीट उसके खिलाफ कोर्ट में पेश की थी.

टेंडर हासिल करने के लिए देते रिश्वत :ईडी की ओर से कोर्ट में पेश की गई ताजा चार्जशीट में कहा गया है कि पीएचईडी के ठेकेदार पदमचंद जैन, महेश मित्तल और पदमचंद जैन का बेटा पीयूष जैन टेंडर हासिल करने और बिल पास करने के बदले पीएचईडी अधिकारियों को रिश्वत देते थे. इसके साथ ही हरियाणा से चोरी के पाइप खरीदने और उन्हें राजस्थान में बिछाने का भी ठेकेदार पदमचंद और महेश मित्तल पर आरोप है.

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स्टेनोग्राफर ने बनाए फर्जी प्रमाण पत्र :ईडी ने अपनी जांच में पाया है कि आरोपियों से जुड़ी फर्मों के बैंक खातों में करीब 500 करोड़ रुपए पीएचईडी के जरिए जमा हुए हैं. इस रकम को ईडी ने अपराध से कमाया हुआ पैसा माना है. ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि मुकेश पाठक इरकॉन कंपनी में स्टेनोग्राफर था. उसी ने इरकॉन के फर्जी प्रमाण पत्र बनाए, जिनका इस्तेमाल पदमचंद जैन और महेश मित्तल ने टेंडर हासिल करने के लिए किया था. मुकेश पाठक को भी ईडी ने आरोपी बनाया है.

ईडी की जांच में सामने आई पूरी कहानी :ईडी की जांच में सामने आया है कि ठेकेदार पदमचंद जैन व महेश मित्तल पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों और संजय बड़ाया जैसे निजी व्यक्तियों को रिश्वत देकर जेजेएम कार्यों से संबंधित निविदाएं हासिल करने में शामिल थे. संजय बड़ाया को मैसर्स श्रीश्याम ट्यूबवैल कंपनी और मैसर्स श्रीगणपति ट्यूबवैल कंपनी से अनुकूल व्यवहार के लिए रिश्वत मिल रही थी. वह पीएचईडी के अधिकारियों को भी अपने कर्तव्यों के पालन में प्रभावित कर रहा था.

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70 से ज्यादा ठिकानों से 11.03 करोड़ की जब्ती :जल जीवन मिशन में एसीबी की कार्रवाई के बाद ईडी ने अब तक पीएचईडी अधिकारियों, ठेकेदारों, निजी व्यक्तियों के 70 से ज्यादा ठिकानों पर तलाशी ली है. इस तलाशी अभियान के दौरान ईडी ने 6.50 करोड़ रुपए के सोने-चांदी सहित कुल 11.03 करोड़ रुपए जब्त किए हैं. जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार और धन के अवैध रूप से लेनदेन के आरोपों को लेकर ईडी संजय बड़ाया सहित चार लोगों को अब तक गिरफ्तार कर चुकी है. इस मामले में सबसे पहली गिरफ्तारी पदमचंद जैन के बेटे पीयूष जैन के रूप में हुई थी. इसके बाद पदमचंद जैन और महेश मित्तल को भी ईडी ने गिरफ्तार कर लिया गया.

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