पटना. हिंदू धर्म में लोग जानते हैं की शादी विवाह शुभ लग्न मुहूर्त में किया जाता है. शादी विवाह के लिए लड़का और लड़की दोनों का कुंडली मिलाया जाता है. देखा जाता है कि दोनों का गुण कितना मिल रहा है? अगर सही मिलता है तब ही शादी की जाती है. शादी विवाह करने के लिए लड़का और लड़की दोनों के कुंडली की जांच की जाती है
क्या है इसके नुकसानः सवाल है कि बिना लग्न और मुहूर्त के शादी क्यों नहीं करना चाहिए. बिना लग्न मुहूर्त के शादी करने का क्या नुकसान होता है? क्या इसका दुष्प्रभाव पड़ता है. आचार्य मनोज मिश्रा ने कहा कि हिंदू धर्म में शादी विवाह या कोई भी शुभ मांगलिक कार्यक्रम के लिए शुभ दिन मुहूर्त नक्षत्र देखा जाता है.
इन नक्षत्र में नहीं करें शादीः हमारे धर्म में 27 नक्षत्र में 10 ऐसे नक्षत्र हैं जिसमें विवाह वर्जित माना गया है. इसमें आद्रा, अश्लेषा, पूर्णवसु, पुष्य, अश्लेषा, मघा, पूर्वफाल्गुन, उत्तराफाल्गुन, हस्त, चित्रा, स्वाती आदि इन 10 नक्षत्र में शादी वर्जित माना गया है. इसके अलावे सूर्य, सिंह राशि में गुरु के नवमांश में गोचर कर रहा हो तो विवाह भी नहीं किया जाता है.
'कुंडली मिलान अति आवश्यक': शादी मानसिक और शारीरिक रूप से जुड़कर एक नए संसार का निर्माण करता है. आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि विवाह किसी जातक के जीवन में बहुत ही खुशियां भर देता है तो कहीं बहुत बड़ा दुख का कारण भी बन जाता है. शादी विवाह के जीवन में सफलता और जीवन सुखमय रखने के लिए कुंडली मिलान अति आवश्यक है.
"जो लोग बिना कुंडली मिलान किए शादी कर लेते हैं, कुछ दिनों के बाद उनके बीच मतभेद होना शुरू हो जाता है. यहां तक नौबत आ जाती है कि घर में विघ्न का अंबार लग जाता है. तलाक तक बात पहुंच जाती है."-आचार्य मनोज मिश्रा