पटना: केंद्र सरकार की ओर से वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक लोकसभा में लाया गया था. जदयू की ओर से इसका समर्थन किया गया था. इतना ही नहीं, मुजफ्फरपुर की एक सभा में ललन सिंह ने बयान दिया था कि अल्पसंख्यक जदयू को वोट नहीं करते हैं. कहा जाता है कि अल्पसंख्यक खेमा नीतीश कुमार से नाराज था. अब बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश के लिए अच्छी खबर है.
नीतीश का समर्थन क्योंः बिहार के शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष नीतीश कुमार के समर्थन में खुलकर उतर आए हैं. दोनों वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा है कि मुसलमानों के लिए नीतीश कुमार ने ही काम किया है. 2005 से पहले मुसलमानों के लिए कोई काम नहीं हुआ. दोनों वक्फ बोर्ड के अध्यक्षों ने 2025 में 75 प्रतिशत से ज्यादव मुस्लिम वोट नीतीश कुमार को मिलने की उम्मीद जतायी.
"मुस्लिम समाज आज नीतीश कुमार के साथ है. 75% मुस्लिम 2025 में नीतीश कुमार को वोट करेंगे. ललन सिंह ने जो बयान दिया था वह उनका व्यक्तिगत बयान था, पार्टी का बयान नहीं था."- मो. इरशादुल्लाह, अध्यक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड
बीजेपी का भय दिखाकर वोट नहींः शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अफजल अब्बास ने नीतीश की तारीफ करते हुए कहा कि बीजेपी का भय दिखाकर अब कोई मुस्लिम का वोट नहीं ले सकता है. काम के आधार पर ही वोट करेंगे. 'नीतीश कुमार को भाजपा ने हाईजैक कर लिया है' तेजस्वी यादव के इस बयान पर शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार इतने मेच्योर नेता हैं कि उन्हें कोई हाईजैक नहीं कर सकता है.
"नीतीश कुमार के कारण ही वक्फ संशोधन विधेयक केंद्र सरकार ने जेपीसी को दिया है. जेपीसी का बिहार दौरा भी होना था, लेकिन नीतीश कुमार के कारण ही रद्द हो चुका है."- अफजल अब्बास, शिया वक्फ बोर्ड अध्यक्ष
मुसलमानों की नाराजगीः 2020 विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यकों का वोट जदयू को नहीं मिला था. विधानसभा चुनाव में जदयू के 11 मुस्लिम उम्मीदवारों में से किसी को जीत नहीं मिली थी. उसके बाद वक्फ संशोधन विधेयक के कारण मुसलमानों की नाराजगी सामने आई थी. उप चुनाव में मिली जीत के बाद नीतीश कुमार ने 2025 चुनाव के लिए कई मोर्चे पर काम करना शुरू किया था.
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