नई दिल्ली:रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय द्वारा इफ्तार पार्टियों का आयोजन किया जाता है. इसी कड़ी में जामा मस्जिद के मीना बाजार स्थित मौलाना आजाद मेमोरियल पार्क में इफ्तार दावत का आयोजन किया गया. इस दौरान दिल्ली हज कमेटी के मेंबर मोहम्मद साद ने कहा कि हर वर्ष की तरह इस बार भी रमजान में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम गंगा-जमुनी तहजीब को दर्शाता है, जिसमें हर धर्म के लोग साथ बैठते हैं. कार्यक्रम में जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक कमेटी के चेयरमैन इकबाल सिंह लालपुरा और दिल्ली सरकार में मंत्री इमरान हुसैन शामिल हुए.
इस मौके पर समाज सेवी हाफिज मोहम्मद जावेद ने बताया कि रमजान में रोजा इफ्तार दावत का विशेष महत्व है. इसी बहाने सभी लोग एक साथ जुड़ पाते हैं. इस्लाम में रोजे का मतलब यही है कि करीबी के दर्द को महसूस किया जा सके कि वे बिना खाना खाए कैसे रहते हैं. रोजे की मुराद है खुद के अंदर की बुराइयों को खत्म करना. रोजा रखने का मतलब केवल भूखे रहने से नहीं है, इसमें जबान का भी रोजा है. मसलन अगर आपने रोजा रखा है तो अपनी जुबान से किसी को अपशब्द न बोलें व बुराई न करें. साथ ही किसी को गलत निगाह से न देखना और गलत कामों के प्रति पाबंदियों का भी दूसरा नाम रोजा है.