नई दिल्ली: लोग वाहन लेने के बाद उस पर अच्छा नंबर भी लेते हैं. कई लोगों का मानना है कि उनके लिए कुछ नंबर लकी हैं. ऐसे में वह पैसे खर्च कर वाहन के लिए फैंसी या मनपसंद नंबर लेते हैं. अगर वाहन अपनी उम्र पूरी कर ओवरएज हो गया और परिवहन विभाग से डीरजिस्टर कर दिया गया है तब भी लोग अपने पुराने वाहन का नंबर ले सकते हैं. दिल्ली में हाल ही में उम्र पूरी कर चुके 55 लाख वाहन डीरजिस्टर कर दिए गए. जानिए पुराने नंबर को फिर से कैसे ले
सकते हैं..
सबसे पहले वाहन को स्क्रैप कराना होगा
परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यदि कोई वाहन जो अपनी उम्र पूरी कर चुका है व परिवहन विभाग द्वारा डीरजिस्टर कर दिया गया है. तो सबसे पहले वाहन को स्क्रैप कराना होगा. दिल्ली परिवहन विभाग के अधिकृत स्क्रैपर से ही वाहन स्क्रैप कराकर सर्टीफिकेट लेना होगा. यह सर्टिफिकेट ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में पुराने नंबर के लिए आवेदन पत्र के साथ जमा करना होता है.
नंबर के लिए जमा करना होगा शुल्क
परिवहन विभाग की फैंसी व वीआईपी नंबरों की लिस्ट है. जिन नंबरों की बेस प्राइस डेढ़ लाख से पांच लाख रुपये निर्धारित है. यदि किसी के पुराने वाहन का नंबर वीआईपी या फैंसी नंबर की लिस्ट में है हो तो उसके बेस प्राइज का 10 प्रतिशत शुल्क जमा करना होगा या फिर 25 हजार रुपये का शुल्क जमा करना होगा. बता दें कि साधारण नंबर के लिए 25 हजार रुपये का शुल्क निर्धारित है. उदाहरण के लिए यदि किसी के पुराने वाहन का नंबर 0001 है. तो यह नंबर वीआईपी नंबर है, और इसका बेस प्राइज पांच लाख रुपये है. दोबारा यह नंबर लेने के लिए 50 हजार रुपये का शुल्क जमा करना होगा. यदि किसी के पुराने वाहन का नंबर 5211 है जो यह एक साधारण नंबर है और परिवहन विभाग के वीआईपी या फैंसी नंबर लिस्ट से बाहर है तो यह नंबर लेने के लिए 25 हजार रुपये शुल्क जमा करना होगा.