नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई 2024 को पेश बजट में अदालतों में विवादित मामलों की संख्या बढ़ने से रोकने के लिए सरकार टैक्स की मॉनेटरी वैल्यू की सीमा बढ़ाना का वादा किया था. इसी क्रम में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने विवाद समाधान योजना 'विवाद से विश्वास 2.0' को अधिसूचित किया है. यह स्कीम 1 अक्टूबर से प्रभावी होगी.
विवाद से विश्वास ऐसी सरकारी योजना है, जिसका उद्देश्य इनकम टैक्स से जुड़े विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना है. इस योजना के तहत टैक्स पेयर्स को अपने लंबित इनकम टैक्स संबंधित मामलों को निपटाने का एक मौका दिया जाता है ताकि वे कानूनी लड़ाई और जुर्माने से बच सकें.
टैक्स डिमांड नोटिस से असहमति पर अपील
दरअसल, कई बार टैक्सपेयर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के टैक्स डिमांड नोटिस से सहमत नहीं होता है, ऐसे में वह इसके खिलाफ कोर्ट में अपील करता है. इस तरह के मामलों में अगर फैसला टैक्सपेयर्स के पक्ष में आता है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट निर्णय के खिलाफ केस को ट्राइब्यूनल या हायर ज्यूडिशियल अथॉरिटी में ले जाता है.
हालांकि, अपील करने से पहले डिपार्टमेंट को विवादित मामले में टैक्स की मॉनेटरी वैल्यू को देखना होता है. बता दें कि सरकार ने अपील की संख्या बढ़ने से रोकने के लिए टैक्स की मॉनेटरी वैल्यू की सीमा तय की है. इसके चलते विवादित मामले में टैक्स की मॉनेटरी वैल्यू एक सीमा से ज्यादा होने पर ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अपील फाइल कर सकता है.
टैक्स की मॉनेटरी वैल्यू की नई लिमिट तय
जानकारी के मुताबिक सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने टैक्स की मॉनेटरी वैल्यू की नई लिमिट तय कर दी है. इसके मुताबिक, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट तभी हायर कोर्ट में अपील फाइल करेगा, जब विवादित मामले में टैक्स की मॉनेटरी वैल्यू 60 लाख रुपये रुपये से ज्यादा हो. वहीं, हाई कोर्ट में अपील के लिए टैक्स अमाउंट 2 करोड़ रुपये से ज्यादा, जबकि सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए टैक्स अमाउंट 5 करोड़ रुपये से ज्यादा से होनी चाहिए.
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