नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार द्वारा कैग की 14 रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखने में जानबूझकर देर किए जाने के मामले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा. उपराज्यपाल को दिए ज्ञापन में विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली विधानसभा में कैग की रिपोर्ट को प्रस्तुत करने में आप सरकार द्वारा की जा रही देरी को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार ने विपक्ष की लगातार मांग पर अभी तक इन रिपोर्टों को सदन पटल पर रखने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र नहीं बुलाया है. उन्होंने एलजी से अनुरोध किया है कि वे इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष को आवश्यक निर्देश दें, ताकि इन रिपोर्टों को सदन में रखा जा सके. भाजपा विधायकों द्वारा ज्ञापन में कहा गया है कि दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और एलजी के सम्मुख विभिन्न स्तरों पर लगातार और उचित अनुरोध किए जाने के बावजूद दिल्ली सरकार इन रिपोर्ट को सदन पटल पर प्रस्तुत नहीं कर रही है.
दिल्ली सरकार ने पिछले डेढ़ साल से CAG की 14 रिपोर्ट्स को दबाकर रखा हुआ है। आम आदमी पार्टी अपनी जवाबदेही से बचने और जनता को गुमराह करने के प्रयास में इन रिपोर्ट्स को सदन में पेश करने से लगातार भाग रही है।
— Vijender Gupta (@Gupta_vijender) December 27, 2024
दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय ने 19-20 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र… pic.twitter.com/dFnNQSfF2B
उन्होंने इस संबंध में एलजी को 28 नवंबर को लिखे पत्र की याद दिलाते हुए कहा कि भाजपा के विधायक दल की ओर से उनका ध्यान इस मामले में आकृष्ट किया गया था. इस संबंध में भाजपा द्वारा किए गए प्रयासों से भी अवगत करवाया गया था. उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि उपराज्यपाल द्वारा स्पीकर को 19-20 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्देश दिए जाने के बावजूद सरकार ने इस पर अमल नहीं किया.
विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल को बताया कि भाजपा विधायक दल द्वारा इस संबंध में याचिका दायर करने और दिल्ली उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के चलते, मुख्यमंत्री को 24 दिसंबर को सीएजी की लंबित ऑडिट रिपोर्ट स्पीकर को भेजने के लिए विवश होना पड़ा. लेकिन, फिर भी इस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई, जिसके बाद भाजपा विधायक दल की ओर से एक बार फिर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई और कोर्ट से अनुरोध किया गया कि वह विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सीएजी की रिपोर्ट समयबद्ध तरीके से प्रस्तुत करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को आवश्यक निर्देश दे. इस पर, संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने स्पीकर को नोटिस जारी कर अगले 10 दिन में अपना काउंटर हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी, 2025 को होगी.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि वर्तमान सरकार का कार्यकाल अगले वर्ष फरवरी में समाप्त हो रहा है. सरकार द्वारा सीएजी रिपोर्ट प्रस्तुत करने में की जा रही देरी से न केवल वर्तमान सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर प्रश्न उठ रहे हैं, बल्कि कैग की रिपोर्ट के माध्यम से इनमें कथित हिसाब किताब की जानकारी को सार्वजनिक करने की सरकार की अनिच्छा का संकेत भी मिल रहा है. ऐसे में सरकार के प्रति जनता का विश्वास भी खत्म हो रहा है. उन्होंने कहा कि आबकारी नीति, फाइनेंशियल मैनेजमेंट, हेल्थ, एजुकेशन, पॉल्यूशन जैसे जो मुद्दे थे, उन सबका हिसाब किताब कैग की इन रिपोर्ट्स में है.
भाजपा विधायकों के अनुसार, लोकतांत्रिक व्यवस्था में वित्तीय और प्रशासनिक स्थितियों का आकलन करने के लिए कैग की 14 रिपोर्ट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं और इन्हें संवैधानिक नियमों के अनुसार विधानसभा में प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है. लेकिन, दिल्ली सरकार अपने भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमिताओं को छुपाने के लिए इन्हें जानबूझकर सदन में प्रस्तुत नहीं कर रही है. मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए और वर्तमान सरकार का कार्यकाल अगले वर्ष फरवरी में समाप्त होने के मद्देनजर विजेंद्र गुप्ता ने एलजी से अनुरोध किया है कि वे विधानसभा अध्यक्ष को तुरंत ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की सलाह दें, ताकि सीएजी रिपोर्टों को विधानसभा में प्रस्तुत किया जा सके.
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