भीलवाड़ा:ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस यानी एचएमपीवी को लेकर भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल वर्षा अशोक कुमार सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि यह वायरस वर्ष 2001 से चला आ रहा है, लेकिन कोरोना जितना खतरनाक नहीं है. बावजूद इसके, हमें पब्लिक प्लेस में मास्क लगाकर ही जाना चाहिए. इस वायरस की कोई वैक्सीन नहीं है, सिर्फ जनरल एंटीवायरस ट्रीटमेंट है.
गौरतलब है कि चीन में फैले एचएमपीवी वायरस के कुछ मरीज भारत में भी सामने आए हैं. जिसके बाद देशवासियों को 'ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस' को लेकर डर सताने लगा है. भीलवाड़ा की राजमाता विजय राजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल ने बताया कि इस वायरस का प्रभाव 5 साल से छोटे और 65 साल से बड़े बुजुर्गों में देखने को मिल सकता है. इस वायरस से संक्रमित भीलवाड़ा में कोई मरीज अब तक नहीं मिला है, लेकिन जांच के लिए हमने तमाम लैब टेक्नीशियन को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं.
विश्वव्यापी कोरोना जैसी महामारी जैसे ही चीन में एचएमपीवी का संक्रमण फैल चुका है, जिससे विश्वभर में अब वायरस फैलने का अंदेशा है. ऐसे में भारत सरकार ने देशभर में इस वायरस के संक्रमण का प्रभाव नहीं रहे, इसके लिए निर्देश दे रखे हैं. भीलवाड़ा जिला कलेक्टर नमित मेहता ने भी चिकित्सा अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. प्रिंसिपल वर्षा अशोक कुमार सिंह ने कहा कि एचएमपीवी सिंगल स्टैंडर्ड आरएनए वायरस है. इस वायरस की एक ह्यूमन और एक बर्ड दो कैटेगरी है. ह्यूमन वाला मनुष्य में होता है और बर्ड वाला पक्षियों में होता है. यह वायरस ड्रॉपलेट इनफेक्शन से होता है जो नोजल रूट के जरिए फेफड़ों तक जा सकता है. यह माइल्ड वायरस है.
इस वायरस से कफ, कोल्ड, सर्दी, खांसी, बुखार व बदन दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. यह बड़े लोगों में कम मात्रा में होता है, क्योंकि इसके प्रति हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है. इस वायरस के 5 साल तक के बच्चे जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, उन बच्चों में फैलने की संभावना ज्यादा है. वैसे ही 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ष के लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. ऐसे लोगों में इस वायरस के फैलने की संभावना ज्यादा है. वहीं, जो युवा हाइपरटेंशन व डायबिटीज के मरीज हैं, उनमें वायरस का संक्रमण फैल सकता है.