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दिलावर के बयान पर डोटासरा का पलटवार, कहा- मंत्री में कुतर्क से कमियों को छिपाने की काबिलियत - DOTASRA ON DILAWAR

महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की समीक्षा को लेकर सरकार और विपक्ष में जुबानी जंग जारी है.

PCC Chief Dotasra
पीसीसी चीफ डोटासरा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 10 hours ago

जयपुर: पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल की समीक्षा के भजनलाल सरकार के फैसले पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग जारी है. शिक्षा मंत्री ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस सरकार ने हिंदी माध्यम स्कूलों पर अंग्रेजी माध्यम की तख्तियां टांग दी. उनके इस बयान पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पलटवार किया है.

डोटासरा ने X पर बयान जारी कर कहा, 'भाजपा का भरोसा सिर्फ झूठ में है, इसलिए झूठ बोलना और झूठ फैलाना इनके नेताओं और मंत्रियों की फितरत बन गया. शिक्षा मंत्री झूठ का लिबास ओढ़कर हर बार जनता को गुमराह करने एवं कुतर्क करके अपनी कमियों को छिपाने की काबिलियित दिखाते हैं. शिक्षा मंत्री का यह कहना कि सिर्फ इंग्लिश मीडियम की तख्ती टांग दी है, नितांत ही खेदजनक है.' उन्होंने कहा कि अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का ऐलान शिक्षा प्रणाली में सुधार की नई नींव एवं क्रांतिकारी बदलाव था. इन्हें रूपांतरित करना जन भावना का निर्णय था, यह जबरदस्ती थोपा गया निर्णय नहीं था.

तीन राज्यों ने किया अंग्रेजी स्कूल के मॉडल पर अध्ययन : डोटासरा बोले- सच्चाई ये है कि कांग्रेस सरकार की नीति और रणनीति ने गरीब एवं कमजोर वर्ग के बच्चे का अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ने का सपना साकार किया. यूपी, बिहार और छत्तीसगढ़ ने हमारे महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के शिक्षा मॉडल का अध्ययन किया और छत्तीसगढ़ में राजस्थान की तर्ज पर स्कूल खोले गए. सच ये है कि कांग्रेस सरकार के दौरान नए स्कूलों में 70,374 नवीन पद सृजित किए गए.

नए पदों का किया गया सृजन : उन्होंने कहा कि कंप्यूटर शिक्षक के 10,453, उप प्रधानाचार्य के 12,421, अंग्रेजी माध्यम संविदा शिक्षक के 10,000 के साथ ही 13,500 अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में विभिन्न श्रेणियों में नवीन पद और 24000 से अधिक क्रमोन्नत विद्यालयों में विभिन्न श्रेणियों में पद सृजित किए गए. वे बोले, 2019 में 33 जिला मुख्यालयों पर स्कूलों को रूपांतरित किया. जनमानस में इन स्कूलों के प्रति जबरदस्त रूझान को देखते हुए बाद में ब्लॉक स्तर पर (जहां स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल विद्यालय) स्कूल नहीं थे, वहां अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए.

पांच हजार आबादी वाले गांवों में 1200 स्कूल : डोटासरा बोले- जनता की भावना को ध्यान में रखते हुए 5 हजार आबादी वाले कस्बों में 1200 स्कूल खोले गए. इसी क्रम में जनता की मांग पर 2022 में 1000 स्कूल शहरी क्षेत्र और 1000 स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में खोलने की घोषणा की गई. घोषणाओं के क्रम में 3737 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल संचालित किए और नामांकन 7 लाख से अधिक पहुंचाया. स्कूलों की भारी मांग की वजह से 1 सीट के लिए राज्य में 2 और जयपुर जैसे शहरों में 20 औसतन आवेदन संभव हुए.

पढ़ें : मंत्री दिलावर बोले- कांग्रेस ने मूर्खतापूर्ण निर्णय कर शिक्षा का किया बंटाधार, 5-7 लाख लड़कियों ने छोड़ी पढ़ाई - MADAN DILAWAR ON CONGRESS

विधायक व अधिकारियों के बच्चों का दाखिला : उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में अधिक आवेदन और सीमित सीटों की वजह से अतिरिक्त सेक्शन संचालित करने की स्वीकृति दी गई. सरकार ने 21 जुलाई 2024 को आदेश निकालकर प्रति कक्षा प्रवेश की सीमा को 150 प्रतिशत तक बढ़ाई. संस्था प्रधान को कक्षा-कक्षों की उपलब्धता के आधार पर प्रवेश देने के लिए भी अधिकृत किया गया. विधायक, डॉक्टर्स और अधिकारियों के बच्चों ने इन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में दाखिला लिया.

हिंदी माध्यम की स्कूलों में प्रवेश का विकल्प : उन्होंने कहा कि स्कूलों के जबरदस्त रूझान के बावजूद इस बात प्रावधान किया गया कि अगर कोई विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा नियमित नहीं रखना चाहे तो संस्था प्रधान द्वारा उसे नजदीक के हिंदी माध्यम में प्रवेश दिलाया जाएगा. अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का रूपांतरण निर्धारित मानदंडों के अनुसार किया गया. सामान्यत: बालिकाओं के विद्यालय को रूपांतरित नहीं करने का प्रस्ताव किया गया, लेकिन फिर भी जरूरत पड़े तो SDMC की सहमति से किया गया. वो भी सिर्फ उस स्थिति में जब नजदीक में राजकीय विद्यालय उपलब्ध हो जहां बालिकाओं की पढ़ाई हिंदी माध्यम में जारी रह सके. मंत्री द्वारा ये कहना है कि हिंदी माध्यम के बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी, सरासर झूठ व गलत तथ्य है.

दो पारियों में हिंदी-अंग्रेजी की पढ़ाई भी करवाई : डोटासरा ने आगे कहा कि यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर पर्याप्त उपलब्धता हो तो दो अलग-अलग विंग में अंग्रेजी और हिंदी अलग-अलग की पारियां संचालित की जा सके.

स्कूलें बंद करना भाजपा का काम : उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा था काम स्कूलों को बंद करना है जबकि हमारी सरकार ने इनके बंद किए स्कूलों में से 1500 से अधिक स्कूल फिर से हिंदी माध्यम में खोले और 387 स्कूलों को खोल कर महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम में संचालित किया. कांग्रेस सरकार में स्कूलों के सुदृढ़ीकरण के लिए 2400 करोड़ रुपए से अधिक राशि जारी की गई और अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए अलग से 100 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं.

SI भर्ती भाजपा के द्वंद की "अनसुलझी पहेली" : एसआई भर्ती के मुद्दे को लेकर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट का एक पक्ष भर्ती रद्द करने को तैयार नहीं, जबकि एक कैबिनेट मंत्री और सरकारी मशीनरी समेत दूसरा पक्ष भर्ती निरस्त कराने पर अड़ा है. लगता है दोनों पक्षों ने अपने-अपने पक्ष से 'बयाना' ले रखा है और ये बयाना न लौटाने की लड़ाई हो. मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की राय, सब कमेटी के सुझाव, एजी, SOG और पुलिस की सिफारिशों को नजरअंदाज करते हुए भर्ती रद्द नहीं करने का निर्णय किया है. जिसके बाद हाईकोर्ट ने ट्रेनी SI की पोस्टिंग-ट्रेनिंग पर रोक और अवमानना पर सरकार को कड़ी फटकार लगाई है.

सत्ता का वर्चस्व या कोई सेटलमेंट : डोटासरा बोले, मुख्यमंत्री ने यह निर्णय क्यों किया है? इसके पीछे सत्ता का 'वर्चस्व' है या कोई 'सेटलमेंट', यह भी एक पहेली है. सरकार के निर्णय से नाखुश कैबिनेट मंत्री द्वारा अपनी ही सरकार को घेरना और महाधिवक्ता द्वारा इस मामले की पैरवी से हटना बताता है कि भाजपा सरकार अंतर्कलह से बुरी तरह जूझ रही है. सरकार का हर मुद्दे पर तमाशा बन रहा है. निर्णयों को लेकर सरकार के भीतर भ्रमित और अनिश्चितता की स्थिति से प्रदेश का युवा व जनता पिस रही है. इसीलिए जनता भाजपा की 'पर्ची सरकार' को सरकार नहीं 'सर्कस' कहती है.

जयपुर: पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल की समीक्षा के भजनलाल सरकार के फैसले पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग जारी है. शिक्षा मंत्री ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस सरकार ने हिंदी माध्यम स्कूलों पर अंग्रेजी माध्यम की तख्तियां टांग दी. उनके इस बयान पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पलटवार किया है.

डोटासरा ने X पर बयान जारी कर कहा, 'भाजपा का भरोसा सिर्फ झूठ में है, इसलिए झूठ बोलना और झूठ फैलाना इनके नेताओं और मंत्रियों की फितरत बन गया. शिक्षा मंत्री झूठ का लिबास ओढ़कर हर बार जनता को गुमराह करने एवं कुतर्क करके अपनी कमियों को छिपाने की काबिलियित दिखाते हैं. शिक्षा मंत्री का यह कहना कि सिर्फ इंग्लिश मीडियम की तख्ती टांग दी है, नितांत ही खेदजनक है.' उन्होंने कहा कि अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का ऐलान शिक्षा प्रणाली में सुधार की नई नींव एवं क्रांतिकारी बदलाव था. इन्हें रूपांतरित करना जन भावना का निर्णय था, यह जबरदस्ती थोपा गया निर्णय नहीं था.

तीन राज्यों ने किया अंग्रेजी स्कूल के मॉडल पर अध्ययन : डोटासरा बोले- सच्चाई ये है कि कांग्रेस सरकार की नीति और रणनीति ने गरीब एवं कमजोर वर्ग के बच्चे का अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ने का सपना साकार किया. यूपी, बिहार और छत्तीसगढ़ ने हमारे महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के शिक्षा मॉडल का अध्ययन किया और छत्तीसगढ़ में राजस्थान की तर्ज पर स्कूल खोले गए. सच ये है कि कांग्रेस सरकार के दौरान नए स्कूलों में 70,374 नवीन पद सृजित किए गए.

नए पदों का किया गया सृजन : उन्होंने कहा कि कंप्यूटर शिक्षक के 10,453, उप प्रधानाचार्य के 12,421, अंग्रेजी माध्यम संविदा शिक्षक के 10,000 के साथ ही 13,500 अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में विभिन्न श्रेणियों में नवीन पद और 24000 से अधिक क्रमोन्नत विद्यालयों में विभिन्न श्रेणियों में पद सृजित किए गए. वे बोले, 2019 में 33 जिला मुख्यालयों पर स्कूलों को रूपांतरित किया. जनमानस में इन स्कूलों के प्रति जबरदस्त रूझान को देखते हुए बाद में ब्लॉक स्तर पर (जहां स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल विद्यालय) स्कूल नहीं थे, वहां अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए.

पांच हजार आबादी वाले गांवों में 1200 स्कूल : डोटासरा बोले- जनता की भावना को ध्यान में रखते हुए 5 हजार आबादी वाले कस्बों में 1200 स्कूल खोले गए. इसी क्रम में जनता की मांग पर 2022 में 1000 स्कूल शहरी क्षेत्र और 1000 स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में खोलने की घोषणा की गई. घोषणाओं के क्रम में 3737 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल संचालित किए और नामांकन 7 लाख से अधिक पहुंचाया. स्कूलों की भारी मांग की वजह से 1 सीट के लिए राज्य में 2 और जयपुर जैसे शहरों में 20 औसतन आवेदन संभव हुए.

पढ़ें : मंत्री दिलावर बोले- कांग्रेस ने मूर्खतापूर्ण निर्णय कर शिक्षा का किया बंटाधार, 5-7 लाख लड़कियों ने छोड़ी पढ़ाई - MADAN DILAWAR ON CONGRESS

विधायक व अधिकारियों के बच्चों का दाखिला : उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में अधिक आवेदन और सीमित सीटों की वजह से अतिरिक्त सेक्शन संचालित करने की स्वीकृति दी गई. सरकार ने 21 जुलाई 2024 को आदेश निकालकर प्रति कक्षा प्रवेश की सीमा को 150 प्रतिशत तक बढ़ाई. संस्था प्रधान को कक्षा-कक्षों की उपलब्धता के आधार पर प्रवेश देने के लिए भी अधिकृत किया गया. विधायक, डॉक्टर्स और अधिकारियों के बच्चों ने इन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में दाखिला लिया.

हिंदी माध्यम की स्कूलों में प्रवेश का विकल्प : उन्होंने कहा कि स्कूलों के जबरदस्त रूझान के बावजूद इस बात प्रावधान किया गया कि अगर कोई विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा नियमित नहीं रखना चाहे तो संस्था प्रधान द्वारा उसे नजदीक के हिंदी माध्यम में प्रवेश दिलाया जाएगा. अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का रूपांतरण निर्धारित मानदंडों के अनुसार किया गया. सामान्यत: बालिकाओं के विद्यालय को रूपांतरित नहीं करने का प्रस्ताव किया गया, लेकिन फिर भी जरूरत पड़े तो SDMC की सहमति से किया गया. वो भी सिर्फ उस स्थिति में जब नजदीक में राजकीय विद्यालय उपलब्ध हो जहां बालिकाओं की पढ़ाई हिंदी माध्यम में जारी रह सके. मंत्री द्वारा ये कहना है कि हिंदी माध्यम के बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी, सरासर झूठ व गलत तथ्य है.

दो पारियों में हिंदी-अंग्रेजी की पढ़ाई भी करवाई : डोटासरा ने आगे कहा कि यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर पर्याप्त उपलब्धता हो तो दो अलग-अलग विंग में अंग्रेजी और हिंदी अलग-अलग की पारियां संचालित की जा सके.

स्कूलें बंद करना भाजपा का काम : उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा था काम स्कूलों को बंद करना है जबकि हमारी सरकार ने इनके बंद किए स्कूलों में से 1500 से अधिक स्कूल फिर से हिंदी माध्यम में खोले और 387 स्कूलों को खोल कर महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम में संचालित किया. कांग्रेस सरकार में स्कूलों के सुदृढ़ीकरण के लिए 2400 करोड़ रुपए से अधिक राशि जारी की गई और अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए अलग से 100 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं.

SI भर्ती भाजपा के द्वंद की "अनसुलझी पहेली" : एसआई भर्ती के मुद्दे को लेकर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट का एक पक्ष भर्ती रद्द करने को तैयार नहीं, जबकि एक कैबिनेट मंत्री और सरकारी मशीनरी समेत दूसरा पक्ष भर्ती निरस्त कराने पर अड़ा है. लगता है दोनों पक्षों ने अपने-अपने पक्ष से 'बयाना' ले रखा है और ये बयाना न लौटाने की लड़ाई हो. मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की राय, सब कमेटी के सुझाव, एजी, SOG और पुलिस की सिफारिशों को नजरअंदाज करते हुए भर्ती रद्द नहीं करने का निर्णय किया है. जिसके बाद हाईकोर्ट ने ट्रेनी SI की पोस्टिंग-ट्रेनिंग पर रोक और अवमानना पर सरकार को कड़ी फटकार लगाई है.

सत्ता का वर्चस्व या कोई सेटलमेंट : डोटासरा बोले, मुख्यमंत्री ने यह निर्णय क्यों किया है? इसके पीछे सत्ता का 'वर्चस्व' है या कोई 'सेटलमेंट', यह भी एक पहेली है. सरकार के निर्णय से नाखुश कैबिनेट मंत्री द्वारा अपनी ही सरकार को घेरना और महाधिवक्ता द्वारा इस मामले की पैरवी से हटना बताता है कि भाजपा सरकार अंतर्कलह से बुरी तरह जूझ रही है. सरकार का हर मुद्दे पर तमाशा बन रहा है. निर्णयों को लेकर सरकार के भीतर भ्रमित और अनिश्चितता की स्थिति से प्रदेश का युवा व जनता पिस रही है. इसीलिए जनता भाजपा की 'पर्ची सरकार' को सरकार नहीं 'सर्कस' कहती है.

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