शिमला: साधारण इंसान के लिए बजट आंकड़ों का जाल कहा जाता है, लेकिन समाज में मध्यम व निम्न मध्यम वर्ग की नजर हर बार इनकम टैक्स के स्लैब पर टिकी होती है. इस बार निर्मला सीतारमण के बजट में मिडिल क्लास के लिए मां लक्ष्मी की कृपा बरसी है. पहली बार ऐसा हुआ है कि मिडिल क्लास खुश है. ये खुशी इनकम टैक्स में छूट को लेकर है. अब 12 लाख तक की आय पर कर में राहत है.
ईटीवी भारत से बातचीत में हिमाचल सरकार के पूर्व वित्त सचिव केआर भारती ने कहा, "हमेशा सैलरीड क्लास यानी मध्यम वर्ग का सामान्य वेतनभोगी व्यक्ति यही उम्मीद करता है कि उसके हाथ में कुछ पैसा आए. ये बजट आम मध्यम वर्ग की उसी आशा को पूरा कर रहा है. जब मध्यम वर्ग के हाथ में पैसा आएगा तो मार्केट में भी बूम आएगा." कारण ये है कि भारत का मध्यम वर्ग बचत भी खूब करता है और पैसा भी खर्च करता है. शर्त यही है कि उसके पास खर्च करने की विंडो हो. इस बार बजट में ये विंडो उसके हाथ लगी है. आय में कर से राहत मिलने पर मध्यम वर्ग का व्यक्ति उपयोग व उपभोग की वस्तुएं खरीदेगा. उससे गुड्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी बढ़ेगा. उत्पादन बढ़ेगी तो लघु व मध्यम उद्योग भी खिलेंगे. हाथ में आया पैसा खर्च होने से मार्केट में मनी फ्लो बढ़ेगा.