रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में 81 विधानसभा सीटों के लिए बीजेपी और झामुमो अपने-अपने गठबंधन के साथ आमने सामने हैं. चुनाव प्रचार के दौरान भी एनडीए और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी जमकर एक दूसरे पर निशाना साधा. इस रिपोर्ट में जानिए झारखंड के उन हॉट सीटों के बारे में जिसके रिजल्ट की गर्माहट चुनाव के कई सालों बाद तक रहेगी.
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में कई नेता ऐसे हैं जो अपने गढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन फिर भी उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है. ऐसे में अगर रिजल्ट उनके खिलाफ आता है तो उनकी साख पर बट्टा लगना तय है.
बरहेट से सीएम हेमंत सोरेन को टक्कर
सीएम हेमंत सोरेन बरहेट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वे यहां से लगातार दो बार चुनाव जीत चुके हैं और इस बार हैट्रिक लगाने के लिए मैदान में उतरे हैं. माना जा रहा है कि बरहेट हेमंत के लिए एक सेफ सीट है. हालांकि बीजेपी ने यहां से गमालियल हेम्ब्रम को मैदान में उतारा है. गमालियल पुराने बीजेपी कार्यकर्ता हैं और पार्टी का मानना है कि उनकी युवाओं में अच्छी पकड़ है, ऐसे में वे हेमंत सोरेन को कड़ी चुनौती पेश करेंगे. गमालियल अपने क्षेत्र में पहले से एक्टिव रहे हैं और फुटबॉल मैच कराने के लिए मशहूर हैं, उनके द्वारा कराए गए मैच में कई विदेशी खिलाड़ी भी शामिल होते रहे हैं. ऐसे में अगर गमालियल हेमंत सोरेन को हरा देते हैं तो ये झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में बड़ा उलटफेर माना जाएगा और ये नतीजा सालों तक याद किया जाएगा.
गांडेय सीट पर कल्पना सोरेन की साख दांव पर
गांडेय विधानसभा सीट पर हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन चुनाव लड़ रही हैं. जून महीने में ही हुए उपचुनाव में कल्पना सोरेन ने शानदार जीत दर्ज की थी. इसके बाद से ही कल्पना सोरेन अपने क्षेत्र में लगातार एक्टिव रही हैं. लेकिन इस बार उनका मुकाबला बीजेपी की मुनिया देवी से है. मुनिया देवी दो बार जिला परिषद की अध्यक्ष रह चुकी हैं. 2010 में इन्हें पीएम भी सम्मानित कर चुके हैं. ये अपने क्षेत्र में लंबे समय से एक्टिव हैं ऐसे में ये कल्पना को कड़ी टक्कर दे रही हैं. अगर मुनिया देवी जीतती हैं तो कल्पना सोरेन की साख पर बट्टा लगना तय है.
सरायकेला सीट पर चंपाई सोरेन की इज्जत दांव पर
हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद झारखंड के सीएम बने चंपाई सोरेन ने उस वक्त पार्टी से बगावत कर दी, जब जेल से वापस आने के बाद एक बार फिर हेमंत सोरेन सीएम बन गए. चंपाई सोरेन जेएमएम छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए और एक बार फिर से सरायकेला सीट से मैदान में हैं. यहां इनका मुकाबला गणेश महली से है. गणेश पहले बीजेपी में थे और हाल में ही इन्होंने झामुमो ज्वाइन किया है. 2019 में गणेश महली ने चंपाई सोरेन को कड़ी टक्कर दी थी और चंपाई सोरेन बेहद कम मतों से जीत दर्ज कर पाए थे. ऐसे में अगर चंपाई इस बार हार जाते हैं तो उनकी प्रतिष्ठा धूमिल जरूर होगी.