हिसार:हरियाणा के किसान इन दिनों डीएपी खाद के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. प्रदेश के हर जिले में किसान खाद समय पर न मिलने से नाराज हैं. इस बीच हिसार के किसान मंडियों में लंबी-लंबी लाइनों में लगकर खाद ले रहे हैं. हिसार में रबी सीजन में डीएपी खाद की पच्चीस हजार एमटी की जरूरत पड़ती है. हालांकि अब तक जिले में (650) एमटी डीएपी खाद पहुंची है. रबी फसलों की बिजाई पीक पर है, लेकिन 54 प्रतिशत किसानों को डीएपी मिल पाया है.
डीएपी खाद कालाबाजारी का आरोप: इस बारे में पगड़ी संभाल जटटा किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव संदीप सिवाच ने कहा कि हिसार जिले में डीएपी खाद की बहुत जररुत है. खाद का स्टॉक होने के बावजूद खाद नहीं मिल पा रहा है. प्राइवेट दुकानदार कालाबाजारी कर रहे हैं. कहीं-कहीं किसानों को डीएपी खाद के लिए रात-रात भर लाइनों में लगे रहना पड़ता है. कार्ड दिखा कर किसानों को चार से पांच बैग दिए जा रहे है. इस साल सीजन शुरू होने से पहले सरकार को खाद के इंतजाम करने चाहिए थे.
किसानों का छलका दर्द: वहीं, खाद लेने के लिए लाइन में लगे किसानों ने भी अपना दर्द बयां किया. गंगवा के किसान राजेश, बरवाला से सुभाष वर्मा, हरिकोट से राकेश, मंगाली से सुरेश ने पूरे मामले को लेकर नाराजगी जाहिर की. किसानों ने कहा कि उन्हें डीएपी खाद नहीं मिल रही है. लाइन में लग कर खाद ले रहे हैं. खाद के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है. किसानों की सरकार से मांग है कि उन्हें समय पर डीएपी उपलब्ध करवाया जाए.
54 फीसदी किसानों को मिला डीएपी: किसानों की मानें तो हांसी क्षेत्र में 33 दिनों बाद चार हजार डीएपी के खाद के कट्टे पहुंचे हैं. हांसी में दो दिन में गेहूं की बिजाई का सीजन शुरु हो जाएगा. हांसी क्षेत्र में ज्यादा खाद की जरूरत है. हालांकि खाद नहीं पहुंची है. किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. वैसे किसानों को मंडियों में आधार कार्ड पर पांच कट्टे दिए जा रहे है. बताया जा रहा है डेढ़ लाख बैग की जरुरत है, लेकिन अभी तक पर्याप्त खाद नहीं पहुंचा है. ऐसे में अगले माह डीएपी खाद की मारामारी रहेगी. रबी फसलों की बिजाई पीक पर है, लेकिन 54 फीसदी किसानों को ही डीएपी मिल पाया है.