ETV Bharat / state

हरियाणा में गंबुजिया मछलियां खत्म कर पाएगी डेंगू का लार्वा! शहरों से ज्यादा गांव में डेंगू का अटैक

करनाल में डेंगू के खात्में के लिए 326 तालाबों में गंबुजिया मछलियां छोड़ी गई है. स्वास्थ्य विभाग के प्रयास फेल नजर आ रहे हैं.

Dengue rise in Haryana
Dengue rise in Haryana (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : 7 hours ago

Updated : 5 hours ago

करनाल: हरियाणा में इन दिनों डेंगू का आतंक बढ़ता जा रहा है. करनाल में भी डेंगू के मामलों में इजाफा हो रहा है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग लगातार डेंगू मच्छरों को कम करने के प्रयास में जुटी है. ताकि डेंगू का प्रभाव कम हो सके. स्वास्थ्य विभाग करनाल द्वारा मच्छरों का लार्वा खाने के लिए विशेष तौर पर गंबुजिया मछलियों को जिले के तालाबों में छोड़ा गया है. ताकि वह मच्छरों का लार्वा खा सके और मच्छरों की तादाद कम हो सके.

डेंगू का कहर: बारिश शुरू होने के बाद सर्दी शुरू होने तक लोगों को मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम गांवों के तालाबों में गंबुजिया मछली छोड़ रही है. यह मछलियां केवल मच्छर का लार्वा ही खाती है. करनाल स्वास्थ्य विभाग डेंगू, मलेरिया से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयारियों में लगा हुआ है.

स्वास्थ्य विभाग के प्रयास फेल: करनाल की उप जिला सर्जन अनु शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग करनाल की टीम द्वारा जिले सभी गांव के तालाबों में गंबुजिया मछली छोड़ी गई है. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्रामीणों के साथ बैठक कर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी ग्रामवासियों को सहयोग करने की अपील की जा रही है. ताकि डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियों के फैलने पर रोक लगाई जा सके और जिले से डेंगू जैसे मच्छर का खात्मा हो सके.

Dengue rise in Haryana (Etv Bharat)

डेंगू कम करने की कोशिशों में जुटा स्वास्थ्य महकमा: डॉ.अनु शर्मा ने बताया कि गंबुजिया मछली की खास बात है कि यह पानी में पैदा होने वाले मच्छर के लारवा को खा जाती है. जिसके चलते मच्छर पैदा नहीं होते. जिले में इस बार 326 स्थान पर गंबुजिया मछली को छोड़ा गया है. इस मछली को पहले अप्रैल के महीने में छोड़ा गया था. उसके बाद एक बार फिर बरसात के बाद सितंबर के महीने में जिले के तालाबों में छोड़ा गया था. उन्होंने कहा कि इसके अच्छे परिणाम भी सामने आए हैं.

शहरों से ज्यादा गांव में डेंगू: शहरों की अपेक्षा गांव में डेंगू के मामले कम हुए हैं और यह एक ऐसी मछली है, जिसकी बढ़ोतरी काफी तेजी से होती है. यह आकार में काफी छोटी होती है. जो मच्छरों के लारवा को तेजी से खाती है. उन्होंने बताया कि इस मच्छर की मदर हिस्ट्री करनाल सिविल सर्जन हॉस्पिटल , पॉलीक्लिनिक 16 सेक्टर , इंद्री ,कुंजपुरा, असंध ,तरावड़ी और घरौंडा में बनाई गई है. वहीं, से इस मछली को जिले के अन्य तालाबों में छोड़ने के लिए ले जाया जाता है.

ये भी पढ़ें: गुरुग्राम के इन इलाकों में आज नहीं आएगा पानी, 12 घंटे तक रहेगा जल संकट

ये भी पढ़ें: ग्रेप-4 के बीच दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर का हाल, एक-एक वाहनों की हो रही सख्ती से चेकिंग

करनाल: हरियाणा में इन दिनों डेंगू का आतंक बढ़ता जा रहा है. करनाल में भी डेंगू के मामलों में इजाफा हो रहा है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग लगातार डेंगू मच्छरों को कम करने के प्रयास में जुटी है. ताकि डेंगू का प्रभाव कम हो सके. स्वास्थ्य विभाग करनाल द्वारा मच्छरों का लार्वा खाने के लिए विशेष तौर पर गंबुजिया मछलियों को जिले के तालाबों में छोड़ा गया है. ताकि वह मच्छरों का लार्वा खा सके और मच्छरों की तादाद कम हो सके.

डेंगू का कहर: बारिश शुरू होने के बाद सर्दी शुरू होने तक लोगों को मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम गांवों के तालाबों में गंबुजिया मछली छोड़ रही है. यह मछलियां केवल मच्छर का लार्वा ही खाती है. करनाल स्वास्थ्य विभाग डेंगू, मलेरिया से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयारियों में लगा हुआ है.

स्वास्थ्य विभाग के प्रयास फेल: करनाल की उप जिला सर्जन अनु शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग करनाल की टीम द्वारा जिले सभी गांव के तालाबों में गंबुजिया मछली छोड़ी गई है. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्रामीणों के साथ बैठक कर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी ग्रामवासियों को सहयोग करने की अपील की जा रही है. ताकि डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियों के फैलने पर रोक लगाई जा सके और जिले से डेंगू जैसे मच्छर का खात्मा हो सके.

Dengue rise in Haryana (Etv Bharat)

डेंगू कम करने की कोशिशों में जुटा स्वास्थ्य महकमा: डॉ.अनु शर्मा ने बताया कि गंबुजिया मछली की खास बात है कि यह पानी में पैदा होने वाले मच्छर के लारवा को खा जाती है. जिसके चलते मच्छर पैदा नहीं होते. जिले में इस बार 326 स्थान पर गंबुजिया मछली को छोड़ा गया है. इस मछली को पहले अप्रैल के महीने में छोड़ा गया था. उसके बाद एक बार फिर बरसात के बाद सितंबर के महीने में जिले के तालाबों में छोड़ा गया था. उन्होंने कहा कि इसके अच्छे परिणाम भी सामने आए हैं.

शहरों से ज्यादा गांव में डेंगू: शहरों की अपेक्षा गांव में डेंगू के मामले कम हुए हैं और यह एक ऐसी मछली है, जिसकी बढ़ोतरी काफी तेजी से होती है. यह आकार में काफी छोटी होती है. जो मच्छरों के लारवा को तेजी से खाती है. उन्होंने बताया कि इस मच्छर की मदर हिस्ट्री करनाल सिविल सर्जन हॉस्पिटल , पॉलीक्लिनिक 16 सेक्टर , इंद्री ,कुंजपुरा, असंध ,तरावड़ी और घरौंडा में बनाई गई है. वहीं, से इस मछली को जिले के अन्य तालाबों में छोड़ने के लिए ले जाया जाता है.

ये भी पढ़ें: गुरुग्राम के इन इलाकों में आज नहीं आएगा पानी, 12 घंटे तक रहेगा जल संकट

ये भी पढ़ें: ग्रेप-4 के बीच दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर का हाल, एक-एक वाहनों की हो रही सख्ती से चेकिंग

Last Updated : 5 hours ago
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.