जींद: भिवानी रोड पर अंडरपास के निर्माण के दौरान मिट्टी खिसकने के मामले में आखिरकार अधिकारियों ने संज्ञान लिया है. स्थानीय इंजीनियरों के साथ चंडीगढ़ से अधिकारियों की टीम जींद पहुंची और भिवानी रोड पर बन रहे अंडरपास का जायजा लिया. टीम ने उस स्थान का वीडियो भी बनाया, जहां से मिट्टी गिरी थी. टीम ने अंडरपास निर्माण के दौरान पैदा हुए गंभीर हालत को देखा. इस दौरान स्थानीय लोगों ने परियोजना के संबंध में अपनी परेशानी और सुझावों से टीम को अवगत कराया. मार्च 2024 तक इस अंडरपास निर्माण कार्य को पूरा किया जाना था, लेकिन अभी तक यह अधूरा है.
नाले में घटिया सामग्री लगाने का आरोप : टीम के आने की सूचना के बाद कॉलोनी के लोग एकत्रित हो गए. तीन दिन से परेशान लोगों ने टीम के सदस्यों को अंडरपास के निर्माण में भ्रष्टाचार होने के आरोप लगाए. उनका कहना था कि नाले में ठेकेदार ने घटिया सामग्री और कम सरिया लगाया है. इसके कारण नाला गिरा है. वहीं अंडरपास की ड्राइंग भी सही नहीं है. इसमें काफी खामियां है. इसके परिणाम अंडरपास का निर्माण होने के बाद वाहनों के आवागमन के समय सामने आएंगे. इस पर टीम अधिकारियों ने कहा कि ड्राइंग सही है. लोगों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी.
ट्रेनों के आवागमन से गिरा नाला: टीम ने कहा कि ट्रेनों के आवागमन से नाला गिरा है. अंडरपास का मानकों पर निर्माण हो रहा है. चंडीगढ़ से पहुंचे तकनीशियन विशेषज्ञ नरेंद्र शर्मा जांच दल का नेतृत्व कर रहे थे. उनके साथ डीजीएम शंशाक भी मौजूद पर थे. उन्होंने अंडरपास के निर्माण का बारीकी से निरीक्षण किया और मौजूद अधिकारियों से बातचीत की.
आठ इंच की दीवार से पानी का रिसाव: डीजीएम शंशाक से कॉलोनी के लोगों ने कहा कि जब नाले का निर्माण हुआ था, तब बैड बिछाने से पहले मिट्टी की कुटाई तक नहीं की गई. सरिया भी 14 इंच पर बांधा गया था. निर्माण सामग्री की भी गुणवत्ता अच्छी नहीं थी. इसके कारण नाले से पानी रिसाव होने लगा और मिट्टी खिसक गई. नाले के निर्माण में आठ इंच की दीवार बनाई गई है. जबकि चार इंच की दीवार में भी पानी का रिसाव नहीं होता है. इस पर अधिकारियों ने कहा कि यह पानी का रिसाव नाले से नहीं बल्कि लोगों द्वारा अपने घरों के पाइपों के कनेक्शनों के कारण हो रहा है. नाले और मकान के बीच में से पाइप से पानी रिसने के कारण यह समस्या पैदा हुई है.
ज्यादा मिट्टी खोदने से बनी समस्या: लोगों का कहना था कि ठेकेदार ने मकान के लगते मिट्टी को खुदवा दिया है. अब लोगों का घरों से निकलना बंद हो गया है और वे घरों में कैद हो गए हैं. बच्चे और बुजुर्ग को बाहर भी नहीं आ सकते हैं. वहीं पशु भी घरों के अंदर ही हैं. उनके लिए चारे की भी समस्या पैदा हो गई है. अब मकान गिरने का भी खतरा बन गया है.
घर के सामने 30-40 फीट गहरी खाई : स्थानीय लोगों ने कहा कि उनके लिए गंभीर समस्या पैदा हो गई है. इसलिए प्रशासन को जल्द से जल्द उनकी समस्या को गंभीरता से लेकर समाधान करवाना चाहिए. 30-40 फीट गहरी खाई होने की वजह से दो-दो सीढ़ी बांधनी पड़ रही है. ऐसी ऊंची सीढ़ियों से आना-जाना खतरों से भरा है. इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जानी चाहिए.
अधिकारियों का तर्क मानक के अनुरूप हो रहा है काम: चंडीगढ़ से आए तकनीशियन विशेषज्ञ नरेंद्र शर्मा ने बताया कि ट्रेनों के आवागमन से अंडरपास के निर्माण में दिक्कत आ रही हैं. जिन लोगों के मकानों के आगे से मिट्टी खिसकी है, उनके लिए व्यवस्था बनाई जा रही है. अंडरपास का निर्माण मानकों के अनुरूप किया जा रहा है.