छतरपुर: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, ''हिन्दू मंदिरों में पुजारियों की जात-पात खत्म होनी चाहिए. किसी भी जाति का व्यक्ति पुजारी बन सकता है, सिर्फ उसे शास्त्रों का ज्ञान होना जरूरी है.'' बाबा बागेश्वर आज एक निजी होटल में प्रेस कर अपनी पदयात्रा की जानकारी देते कई विषयों पर बोल रहे थे. सनातन हिन्दू एकता पद यात्रा से पहले धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ''इस यात्रा का मकसद जात-पात के भेद को खत्म करने और हिन्दू बनाने का प्रयास करना है.''
बाबा ने बताया पदयात्रा का उद्देश्य
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, ''हमारा उद्देश्य भारत को भव्य बनाना है. इस देश में सबसे बड़ी कुरीति है जात-पात. हम गांव-गांव पैदल जाएंगे और हिंदुओं को एकजुट करेंगे. भारत सभी का है. आज़ादी की लड़ाई में सबके पूर्वजों ने अपने प्राणों को न्योछावर किया. हिंदुत्व का मतलब है जीवन जीने की व्यवस्था. 'हिंदू' का मतलब मजहबी लड़ाई नहीं. हिंदू का मतलब समानता है. हम गांव-गांव जाएंगे, पिछड़ों को गले लगाएंगे और भारत से जात-पात मिटाएंगे.''