अजमेर : दरगाह शरीफ में शिव मंदिर होने का दावा कर अजमेर कोर्ट में याचिका दायर करने वाले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल आबेद्दीन के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें अजमेर को राष्ट्रीय स्तर का जैन तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग प्रधानमंत्री से की गई है. गुप्ता ने कहा कि दरगाह दीवान यह तो मान रहे हैं कि अजमेर जैन धर्म का प्राचीन तीर्थ स्थल रहा है. एक दिन दरगाह में शिव मंदिर होने की सच्चाई भी कोर्ट के माध्यम से सामने आ जाएगी.
दरगाह दीवान के बयान का समर्थन : अजमेर को राष्ट्रीय स्तर के जैन तीर्थ स्थल घोषित करने के दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेद्दीन के बयान को लेकर चर्चा गर्म होने लगी है. हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दरगाह दीवान के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कम से कम दरगाह दीवान ने यह तो माना की अजमेर जैन धर्म की प्राचीन तीर्थ स्थली रही है. दरगाह वाद प्रकरण में कोर्ट में पेश की गई याचिका में शिव मंदिर के साथ जैन मंदिर के अवशेष होने का भी हवाला दिया है. दावा है कि अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह शिव मंदिर और जैन मंदिर को तोड़कर बनाई गई है. दरगाह दीवान ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है कि अजमेर को राष्ट्रीय स्तर का जैन तीर्थ स्थल घोषित किया जाए तो यह काफी अच्छी बात है.
हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता (ETV Bharat Ajmer) पढ़ें.अजमेर दरगाह दीवान ने पीएम को लिखा पत्र, उठाई अजमेर शहर को राष्ट्रीय जैन तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग
सच सबके सामने आएगा : गुप्ता ने कहा कि सरकार को अपने विवेक से इस पर फैसला लेना चाहिए और अजमेर को राष्ट्रीय स्तर का जैन और हिंदू तीर्थ स्थल घोषित करना चाहिए. अजमेर प्राचीन समय से ही हिंदू तीर्थ स्थली रहा है. पूरी दुनिया में जगत पिता ब्रह्मा का मंदिर और कहीं नहीं है, वह अजमेर जिले के पुष्कर में है. पुष्कर मंदिरों की नगरी है. जैन भी हमारे भाई हैं. यदि अजमेर राष्ट्रीय स्तर का जैन तीर्थ स्थल घोषित होता है तो हिंदू सेना ही नहीं सभी हिंदू इसका स्वागत करेंगे. इससे दरगाह बाद प्रकरण केस को भी बल मिलेगा. उन्होंने दावा किया कि एक दिन ऐसा भी आएगा जब भगवान शिव का संकट मोचन मंदिर और जैन मंदिर को तोड़कर दरगाह बनाने की बात भी सच साबित होगी.
दरगाह दीवान ने यह दिया था बयान :दरगाह दीवान सैयद जैनुअल ने अपने बयान में अजमेर को राष्ट्रीय स्तर का जैन तीर्थ स्थल घोषित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने संबंधी बयान मंगलवार को दिया था. दरगाह दीवान ने कहा कि भारत अनेकों धर्म और समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का संगम है. इस भारत की पावन धरती अनगिनत ऋषियों, संतों और महान विभूतियों की तपोस्थली रही है, जिन्होंने मानवता के कल्याण के लिए अनमोल योगदान दिया है. इसमें अजमेर का भी महत्वपूर्ण स्थान है. यहां ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह विश्व भर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. वहीं, दूसरी ओर जगत पिता ब्रह्मा का तीर्थ अजमेर की धरती की ऐतिहासिक और धार्मिक प्रतिष्ठा को बढ़ाता है.
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आचार्य विद्यासागर महाराज के प्रति सच्चा सम्मान :उन्होंने कहा कि 6 फरवरी को देशभर में सभी जैन समाज की ओर से आचार्य 108 विद्यासागर महाराज की पुण्यतिथि मनाई जा रही है. आचार्य अपनी कठोर तपस्या, त्याग और मानव सेवा के लिए पहचाने जाते हैं. आचार्य के महान विचार हमेशा से संपूर्ण मानव समाज का मार्गदर्शन करते आए हैं और करते रहेंगे. आचार्य विद्यासागर महाराज का अजमेर से विशेष संबंध रहा है. दरगाह दीवान सैयद जेनुअल आबेदीन ने कहा कि आचार्य विद्यासागर महाराज ने अजमेर से ही आध्यात्मिक जीवन की यात्रा शुरू की थी और इसी पुण्य भूमि में उन्होंने दीक्षा ली थी. लिहाजा अजमेर देश में सभी जैन समाज के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र होने के साथ-साथ आचार्य विद्यासागर महाराज की जन्मस्थली के रूप में प्रतिष्ठित है. अजमेर शहर को राष्ट्रीय स्तर पर जैन तीर्थ स्थल घोषित किए जाने का निर्णय न केवल आचार्य विद्यासागर महाराज के प्रति सच्चा सम्मान होगा, वहीं भारत की समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को और भी अधिक प्रतिष्ठा प्रदान करेगा.