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गांवों को नाथद्वारा नगरपालिका में शामिल करने का विरोध, ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन - VILLAGERS PROTESTED IN NATHDWARA

नाथद्वारा नगरपालिका का दायरा बढ़ाकर इसमें आसपास के दस गांवों को शामिल करने की अधिसूचना का ग्रामीणों ने विरोध किया है.

VILLAGERS PROTESTED IN NATHDWARA
नाथद्वारा में प्रदर्शन के बाद एसडीएम को ज्ञापन सौंपते ग्रामीण (ETV Bharat Nathdwara)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 5, 2025, 7:27 PM IST

नाथद्वारा(राजसमंद): कस्बे से सटे छह ग्राम पंचायतों के दस राजस्व गांवों को नगरपालिका में शामिल करने के स्वायत्त शासन विभाग की अधिसूचना का विरोध करते हुए बुधवार को ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी को राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया.

नाथद्वारा क्षेत्र से सटे उलपुरा, उपली व निचली ओडन, गुंजोल, कुंचैली, बागोल, राबचा, लाल मादड़ी, पानेरियों की मादडी और जोशियों की मादडी के ग्रामीणों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. ग्रामीणों ने अध्यादेश के विरोध में कस्बे के बस स्टैंड से विशाल रैली निकालकर नारेबाजी की और उपखंड कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान ग्रामीणों ने अधिसूचना रद्द नहीं करने पर उग्र आंदोलन करने और आमरण अनशन की चेतावनी दी. उन्होंने आगामी सभी चुनावों का बहिष्कार करने की भी चेतावनी दी.

पढ़ें: नाथद्वारा पालिकाध्यक्ष का भाजपा पार्षदों व विधायक पर आरोप, कहा- बना रहे अनैतिक दबाव

लालमादड़ी के सरपंच बलवीर सिंह ने कहा कि नगरपालिका की ओर से जब प्रस्ताव बनाकर भेजा गया, तभी किसी भी सरपंच या ग्रामीणों की सहमति लेना तो दूर उन्हें सूचित तक नहीं किया गया. ग्रामीणों को अखबारों के माध्यम से ही अधिसूचना की जानकारी मिली. राज्य सरकार ने ग्रामीणों की सहमति लिए बिना ये निर्णय किया है, जोकि हरगिज मंजूर नहीं है. अधिसूचना के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दो दिन में मांग नहीं मांगी गई तो आंदोलन किया जाएगा.

पालिका की खुद की हालात खराब: पानेरियों की मादड़ी के रामचंद्र पानेरी ने कहा कि नगरपालिका की खुद की हालत खराब है. नालियों का पानी रोड पर बहता रहता है, जिससे होकर दर्शनार्थियों को गुजरना पड़ता है. यहां पूर्ण रूप से विकास नहीं हो पा रहा है. पालिका की नजर बिलानाम, गोचर और बंजर भूमि पर है. पालिका अपना राजस्व बढ़ाने के लिए के गांवों की जमीनों पर नजर गड़ाए हुए है. अब तक पेराफेरी के गांवों से पालिका को करोड़ों रुपए की आय हुई, लेकिन किसी भी गांव में कोई विकास कार्य पालिका की ओर से नहीं करवाया गया. ज्ञापन लेने के बाद उपखंड अधिकारी रक्षा पारीक ने आश्वासन दिया कि वे उनकी मांगे से जिला कलेक्टर के माध्यम से राज्य सरकार को अवगत कराएंगी. इस दौरान ज्ञापन के दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरिसिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष देवकीनंदन गुर्जर, कांग्रेस नगर अध्यक्ष दिनेश एम जोशी, ब्लॉक अध्यक्ष केसर सिंह गौड़, उलपुरा सरपंच जितेंद्र सिंह, गुंजोल सरपंच किशन गायरी, बागोल सरपंच यशवंत श्रीमाली, ओडन सरपंच सुरेश जलनिया और लाल मादड़ी सरपंच बलवीर सिंह सहित बड़ी संख्या में इन गांवों के ग्रामीण मौजूद रहे.

नाथद्वारा(राजसमंद): कस्बे से सटे छह ग्राम पंचायतों के दस राजस्व गांवों को नगरपालिका में शामिल करने के स्वायत्त शासन विभाग की अधिसूचना का विरोध करते हुए बुधवार को ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी को राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया.

नाथद्वारा क्षेत्र से सटे उलपुरा, उपली व निचली ओडन, गुंजोल, कुंचैली, बागोल, राबचा, लाल मादड़ी, पानेरियों की मादडी और जोशियों की मादडी के ग्रामीणों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. ग्रामीणों ने अध्यादेश के विरोध में कस्बे के बस स्टैंड से विशाल रैली निकालकर नारेबाजी की और उपखंड कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान ग्रामीणों ने अधिसूचना रद्द नहीं करने पर उग्र आंदोलन करने और आमरण अनशन की चेतावनी दी. उन्होंने आगामी सभी चुनावों का बहिष्कार करने की भी चेतावनी दी.

पढ़ें: नाथद्वारा पालिकाध्यक्ष का भाजपा पार्षदों व विधायक पर आरोप, कहा- बना रहे अनैतिक दबाव

लालमादड़ी के सरपंच बलवीर सिंह ने कहा कि नगरपालिका की ओर से जब प्रस्ताव बनाकर भेजा गया, तभी किसी भी सरपंच या ग्रामीणों की सहमति लेना तो दूर उन्हें सूचित तक नहीं किया गया. ग्रामीणों को अखबारों के माध्यम से ही अधिसूचना की जानकारी मिली. राज्य सरकार ने ग्रामीणों की सहमति लिए बिना ये निर्णय किया है, जोकि हरगिज मंजूर नहीं है. अधिसूचना के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दो दिन में मांग नहीं मांगी गई तो आंदोलन किया जाएगा.

पालिका की खुद की हालात खराब: पानेरियों की मादड़ी के रामचंद्र पानेरी ने कहा कि नगरपालिका की खुद की हालत खराब है. नालियों का पानी रोड पर बहता रहता है, जिससे होकर दर्शनार्थियों को गुजरना पड़ता है. यहां पूर्ण रूप से विकास नहीं हो पा रहा है. पालिका की नजर बिलानाम, गोचर और बंजर भूमि पर है. पालिका अपना राजस्व बढ़ाने के लिए के गांवों की जमीनों पर नजर गड़ाए हुए है. अब तक पेराफेरी के गांवों से पालिका को करोड़ों रुपए की आय हुई, लेकिन किसी भी गांव में कोई विकास कार्य पालिका की ओर से नहीं करवाया गया. ज्ञापन लेने के बाद उपखंड अधिकारी रक्षा पारीक ने आश्वासन दिया कि वे उनकी मांगे से जिला कलेक्टर के माध्यम से राज्य सरकार को अवगत कराएंगी. इस दौरान ज्ञापन के दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरिसिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष देवकीनंदन गुर्जर, कांग्रेस नगर अध्यक्ष दिनेश एम जोशी, ब्लॉक अध्यक्ष केसर सिंह गौड़, उलपुरा सरपंच जितेंद्र सिंह, गुंजोल सरपंच किशन गायरी, बागोल सरपंच यशवंत श्रीमाली, ओडन सरपंच सुरेश जलनिया और लाल मादड़ी सरपंच बलवीर सिंह सहित बड़ी संख्या में इन गांवों के ग्रामीण मौजूद रहे.

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