धर्मशाला:हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के डिनर में कथित तौर पर जंगली मुर्गा परोसने का मामला हिमाचल विधानसभा में गूंजा. शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में जाने से पहले भाजपा ने जंगली मुर्गे के पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया.
जयराम ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष (ETV Bharat)
विधानसभा के बाहर नारेबाजी
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा विधायकों ने जंगली मुर्गे के पोस्टर पकड़ कर नारे लाए, "सुक्खू भइया-सुक्खू भइया, जंगली मुर्गा किसने खाया?". विपक्ष के विधायकों ने सुक्खू सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कहा कि जंगली मुर्गे का शिकार करना गैर कानूनी है. सरकार को मुर्गा मारने और खाने वालों पर एफआईआर करनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने उल्टा मीडिया पर एफआईआर की, जिन्होंने इस मामले को उजागर किया, जो कि गलत है.
जंगली मुर्गा विवाद को लेकर बीजेपी का प्रदर्शन (ETV Bharat)
'मेनू में शामिल था जंगली मुर्गा'
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कुछ दिन पहले 'सरकार गांव के द्वार' कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कुपवी में गए थे और वहां रात्रि ठहराव किया. इस दौरान प्रशासन द्वारा सीएम के लिए स्पेशल मेनू बनाया गया. जिसमें 12वें नंबर पर जंगली मुर्गा भी शामिल था. जो कि हमने नहीं बनाया था. जयराम ठाकुर ने कहा कि ये बेहद हैरानी की बात है कि मेनू में जंगली मुर्गे का जिक्र था. जबकि जंगली मुर्गे के शिकार पर बैन है.
डिनर मेन्यू से जुड़े विवाद में एफआईआर (सोशल मीडिया पर वायरल हुआ मैन्यू (बाएं) जंगली मुर्गे की तस्वीर (दाएं)) (Social Media)
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि, "जंगली मुर्गा वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट में आता है. जिसकी पुष्टि सीएम ने ही वीडियो में खुद की है. जब वो कहते हैं कि मैं नहीं खाता इनको दो-उनको दो. जिन लोगों ने जंगली मुर्गे का शिकार किया है सरकार को उन पर कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन सरकार ने भाजपा विधायक और मीडिया के लोगों व संस्थानों पर FIR दर्ज की गई है, जो की निंदनीय है. सरकार तुरंत एफआईआर को रद्द करे और जिन लोगों ने जंगली मुर्गे को मारा, उसे परोसा और जिसने सेवन किया है, उनके खिलाफ मामला दर्ज करें."