शिमला: घाटे के दलदल में फंसे हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) ने राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों से 4.13 करोड़ रुपये से अधिक रुपये लेने हैं. इसके अलावा पर्यटन विकास निगम ने निजी संस्थाओं से एक करोड़ रुपये से अधिक की रकम लेनी है. ये कुल रकम 5.19 करोड़ रुपये से अधिक बनती है. घाटे में चल रहे पर्यटन विकास निगम के लिए ये रकम काफी बड़ी है, लेकिन इसे वसूल करने में निगम सफल नहीं रहा है. अब मामला हाईकोर्ट में है. हाईकोर्ट ने पर्यटन विकास निगम की डांवाडोल आर्थिक हालत को सुधारने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं. इसी कड़ी में हाईकोर्ट ने निगम के कर्ता-धर्ताओं से सारे ब्यौरे तलब किए हैं. इसी कड़ी में हाईकोर्ट को बताया गया कि सरकारी विभागों व निजी संस्थाओं पर निगम की करोड़ों रुपये की देनदारी है.
इस पर हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए हैं कि विभागों पर पर्यटन विकास निगम की देनदारियों को वसूला जाए. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल के समक्ष मामले की सुनवाई हो रही है. न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने प्रदेश के एडवोकेट जनरल को आदेश जारी करते हुए कहा कि वो ये सुनिश्चित करें कि मामले पर अगली सुनवाई तक सभी विभागों द्वारा पर्यटन विकास निगम की तमाम देनदारियों का भुगतान कर दिया जाए.
निगम ने दिया विभागों की देनदारियों का ब्यौरा
मामले पर सुनवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि इस साल 31 अगस्त तक निगम की हिमाचल प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों पर 4 करोड़, 13 लाख, 41 हजार 848 रुपये की राशि बकाया है. इसके अलावा निगमों व अन्य निजी संस्थाओं पर 1 करोड़, 06 लाख, 28 हजार 422 रुपये की रकम बकाया है. इस तरह से इस साल 31 अगस्त तक अलग-अलग देनदारों पर कुल मिलाकर 5 करोड़, 19 लाख, 70 हजार 270 रुपये की राशि बकाया है. हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के महाधिवक्ता को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि पर्यटन विकास निगम को विभिन्न सरकारी विभागों पर बकाया 4 करोड़ 13 लाख 41 हजार 848 रुपये की रकम अगली तारीख से पहले तुरंत चुकाई जाए.