हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

घाटे में फंसे पर्यटन निगम ने सरकारी विभागों से लेने हैं ₹4.13 करोड़, HC ने कहा-48 घंटे के भीतर भुगतान की मांग करे निगम - HC ON HPTDC LOSS

घाटे में चल रहे HPTDC ने राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों व निजी संस्थाओं से कुल 5.19 करोड़ रुपये की राशि लेनी है.

HPTDC
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के तहत स्टेट गेस्ट हाउस पीटरहॉफ (फाइल फोटो)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 6, 2024, 8:23 PM IST

शिमला: घाटे के दलदल में फंसे हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) ने राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों से 4.13 करोड़ रुपये से अधिक रुपये लेने हैं. इसके अलावा पर्यटन विकास निगम ने निजी संस्थाओं से एक करोड़ रुपये से अधिक की रकम लेनी है. ये कुल रकम 5.19 करोड़ रुपये से अधिक बनती है. घाटे में चल रहे पर्यटन विकास निगम के लिए ये रकम काफी बड़ी है, लेकिन इसे वसूल करने में निगम सफल नहीं रहा है. अब मामला हाईकोर्ट में है. हाईकोर्ट ने पर्यटन विकास निगम की डांवाडोल आर्थिक हालत को सुधारने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं. इसी कड़ी में हाईकोर्ट ने निगम के कर्ता-धर्ताओं से सारे ब्यौरे तलब किए हैं. इसी कड़ी में हाईकोर्ट को बताया गया कि सरकारी विभागों व निजी संस्थाओं पर निगम की करोड़ों रुपये की देनदारी है.

इस पर हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए हैं कि विभागों पर पर्यटन विकास निगम की देनदारियों को वसूला जाए. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल के समक्ष मामले की सुनवाई हो रही है. न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने प्रदेश के एडवोकेट जनरल को आदेश जारी करते हुए कहा कि वो ये सुनिश्चित करें कि मामले पर अगली सुनवाई तक सभी विभागों द्वारा पर्यटन विकास निगम की तमाम देनदारियों का भुगतान कर दिया जाए.

निगम ने दिया विभागों की देनदारियों का ब्यौरा

मामले पर सुनवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि इस साल 31 अगस्त तक निगम की हिमाचल प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों पर 4 करोड़, 13 लाख, 41 हजार 848 रुपये की राशि बकाया है. इसके अलावा निगमों व अन्य निजी संस्थाओं पर 1 करोड़, 06 लाख, 28 हजार 422 रुपये की रकम बकाया है. इस तरह से इस साल 31 अगस्त तक अलग-अलग देनदारों पर कुल मिलाकर 5 करोड़, 19 लाख, 70 हजार 270 रुपये की राशि बकाया है. हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के महाधिवक्ता को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि पर्यटन विकास निगम को विभिन्न सरकारी विभागों पर बकाया 4 करोड़ 13 लाख 41 हजार 848 रुपये की रकम अगली तारीख से पहले तुरंत चुकाई जाए.

हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक को निर्देश दिए कि वह निगम के उन सभी परिसरों/इकाइयों के प्रबंधकों को बुलाए, जिन्होंने निजी व्यक्तियों या संस्थाओं से पैसा वसूल करना है. अदालत ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि निगम देनदारों को तुरंत नोटिस जारी करे और 48 घंटों के भीतर भुगतान की मांग करे. यदि कोई भुगतान ना करे तो उनका नाम सार्वजनिक कर दिया जाए साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि सुनवाई की अगली तारीख तक न्यायालय के समक्ष तमाम ब्यौरा पेश किया जाए, ताकि करोड़ों रुपये की राशि की वसूली के संबंध में अदालत आवश्यक आदेश पारित कर सके.

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव का एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया. इस हलफनामे में एक व्यावहारिक रोड मैप का उल्लेख होना चाहिए कि पर्यटन विभाग और पर्यटन निगम अपनी संपत्तियों का उपयोग राजस्व बढ़ाने के लिए कैसे करेंगे.

जाहिर तौर पर आगामी सर्दियों में हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखी जाएगी. हलफनामे में यह भी बताया जाए कि सरकार वास्तव में यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाएगी कि यहां घूमने लायक एक से बढ़कर एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन हैं. इन डेस्टिनेशंज़ के प्रचार के प्रयास किए जाएं ताकि सैलानियों को हिमाचल की सैर के लिए आकर्षित और प्रोत्साहित किया जाए. मामले पर सुनवाई 12 नवंबर को तय की गई है.

ये भी पढ़ें:HPTDC के होटलों में होगी टेक्निकल स्टाफ और शेफ की भर्तियां, मनाली में बनेगा आइस स्केटिंग रिंक

ABOUT THE AUTHOR

...view details