शिमला: हिमाचल विधानसभा में सुक्खू सरकार के मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने संजौली में बने अवैध मस्जिद का मुद्दा क्या उठाया कि पूरे प्रदेश की सियासत गरमा गई. अनिरुद्ध सिंह ने सदन में अपनी बात अवैध मस्जिद निर्माण के साथ शुरू की, लेकिन थोड़ी ही देर में वे प्रदेश में विशेष समुदाय के घुसपैठ, बांग्लादेशी रोहिंग्या, लव जिहाद और क्राइम के बढ़ते ग्राफ तक लेकर पहुंच गए. इस दौरान बीजेपी विधायकों ने भी सदन में ताली बजाकर उनका समर्थन किया. वहीं, अवैध मस्जिद निर्माण पर सवाल उठाने को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने अनिरुद्ध सिंह और कांग्रेस सरकार को घेरा. इसके अलावा हिंदू संगठनों ने अवैध मस्जिद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. हिंदू संगठनों सरकार को अल्टीमेटम देते हुए अवैध मस्जिद गिराने की मांग की है. जिसके बाद से प्रदेश में तनाव का माहौल बना हुआ है.
"190 सिर्फ रजिस्टर्ड तो कहां से आए 1900 लोग"
गौरतलब है कि बीते दिन हिमाचल विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने संजौली में बने अवैध मस्जिद का मुद्दा उठाया. अनिरुद्ध सिंह ने कहा, "ये कैसी परिस्थिति उत्पन्न हो रही है प्रदेश में, जो रोज नए जमात वाले आ रहे हैं. जिनका कोई अता पता ही नहीं है. क्या ये रोहिंग्या मुसलमान हैं, मैं खुद एक दो लोगों को जानता हूं, जो बांग्लादेश से आए हैं, उनकी वेरिफिकेशन होनी चाहिए. यहां पर 190 लोगों हैं, जो रजिस्टर्ड हैं तो 1900 कैसे हो गए? आज आप किसी भी बाजार में चले जाइए. चाहे आप संजौली या ढली चले जाइए, लोगों के चलने के लिए जगह नहीं है. आज संजौली बाजार में औरतों का चलना मुश्किल हो गया है. मैं इस बात का व्यक्तिगत गवाह हूं. यहां नशे का कारोबार और क्राइम बढ़ रहा है. इसके पीछे कौन है, इसकी जांच होनी चाहिए. मैं मांग करता हूं कि 190 लोगों की वेरिफिकेशन की जाए और बाकी लोगों का साफ किया जाए".
"कोर्ट में मामला होने के बावजूद चलता रहा अवैध मस्जिद निर्माण"
अनिरुद्ध सिंह ने कहा, "ये लीगल और इलीगल का प्रश्न नहीं है. कोर्ट में केस चलती रहती है, म्युनिसिपल कोर्ट में कईयों के केस चल रहे हैं. हम लोगों के भी चलते हैं, लेकिन मैं हैरान हूं. मैं रिपोर्ट लेकर आया हूं. 1950-60 में हुआ होगा. लेकिन क्या सबसे पहले मस्जिद खोलने के लिए प्रशासन की मंजूरी ली गई थी. यहां जब कोई मंदिर खुले तो प्रशासन पहुंच जाता है. कोई भी धार्मिक संस्थान खोलने के लिए सरकार की मंजूरी लेनी होती है. मैं किसी समुदाय के खिलाफ नहीं हूं. बिना परमिशन के 2010 में काम शुरू किया गया. उसके बाद 2500 स्क्वायर फीट का अवैध निर्माण किया गया. 2012 में मामले में फिर से सुनवाई हुई, उसके बाद भी ये लोग माने नहीं. अवैध कंस्ट्रक्शन चलता रहा".
"अवैध मस्जिद निर्माण होता रहा और प्रशासन सोता रहा"
मंत्रीअनिरुद्ध सिंह ने कहा, "हाल ये है कि अगर कोई लोकल आदमी द्वारा भी अवैध निर्माण किया जाता है तो उसी दिन उसे तोड़ा जाता है. ये शर्म की बात है. इसके अलावा 26.06.2013 को मामले की सुनवाई में मस्जिद का वास्तविक नक्शा मांगा गया, जिसमें कई त्रुटियां पाई गई. हैरान करने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि 2019 में 4 अतिरिक्त मंजिलों का निर्माण हो चुका था. जब 2010 से केस चल रहा था तो 2019 तक 4 मंजिल कैसी बनी. प्रशासन कहां सो रहा था? नगर निगम कहां सो रहा था? उस समय उसे क्यों नहीं तोड़ा गया. फिर भी सुनवाई कर रहे हैं कि आपने अवैध निर्माण की. इसके बावजूद 590.82 स्क्वायर मीटर अवैध निर्माण की गई है, जो बड़े शर्म की बात है".