हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मानसून सेशन की कार्यवाही को एक दिन और बढ़ाए जाने का प्रस्ताव दिया गया है. ऐसे में अब सदन मंगलवार 10 सितंबर तक चलेगा. पहले यह सदन 10 दिन तक चलना था. अब एक दिन बढ़ने के बाद विधानसभा का मानसूनस सेशन 11 दिन का हो गया है. संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने ये प्रस्ताव सदन में रखा है जो मंजूर हो गया है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश का मानसून सत्र बीते 27 अगस्त से शुरू हुआ था.
मानसून सत्र को 1 दिन बढ़ाने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी, अब 11 दिनों तक चलेगा सेशन - Himachal News Live Updates - HIMACHAL NEWS LIVE UPDATES
By ETV Bharat Himachal Pradesh Team
Published : Sep 6, 2024, 11:49 AM IST
|Updated : Sep 6, 2024, 5:40 PM IST
हिमाचल विधानसभा में मानसून सत्र के 9वें दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है. सदन में प्रश्नकाल जारी है. आज सदन में 57 सवाल लिस्टेड हैं.
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11 दिन तक चलेगा मानसून सेशन
भांग की खेती को वैध बनाने से जुड़े मामले में कमेटी की रिपोर्ट सदन में मंजूर
विधानसभा में प्रदेश सरकार ने हिमाचल में औषधीय व इंडस्ट्रीज में उपयोग के लिए भांग की खेती को वैध बनाने को लेकर गठित कमेटी की रिपोर्ट सदन में पेश की. सदन में रिपोर्ट की सिफारिशों को स्वीकार किया गया. साथ ही प्रतिवेदन को पारित किया गया है. गौरतलब है कि ये प्रतिवेदन सितंबर 2023 में सदन में उप स्थापित किया गया था.
विधानसभा के बाहर जलरक्षकों का धरना, मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बाहर आज जलरक्षक संघ ने धरना दिया है. जलरक्षकों ने पहले ही सरकार को विधानसभा का घेराव करने की चेतावनी दी थी. जलरक्षक संघ अपनी मांगों को लेकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. जलरक्षकों की मांग है कि उनकी कांट्रैक्ट अवधि को घटाया जाए, जिसके लिए सरकार स्थायी पॉलिसी बनाए. उनका कहना है कि उन्हें बहुत ही कम वेतन दिया जाता है, जिससे परिवार का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो गया है. जलरक्षकों का कहना है कि बार-बार मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से अपनी मांग उठा चुके हैं, लेकिन सरकार से आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिला है. इसलिए आज जलरक्षक विधानसभा का घेराव करने के लिए मजबूर हो गए हैं.
"आखिर बागवान कब तय करेंगे खुद से फलों के रेट"
सदन में बलवीर वर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार और बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा था कि हिमाचल में फलों का रेट खुद बागवान तय करेंगे, लेकिन अभी तक इन आदेशों की अनुपालना क्यों नहीं हुई अभी तक? जिसके जवाब में मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि हमने पहली बार फलों को किलो के हिसाब से बेचने का प्रावधान किया. सरकार ने प्रदेश में यूनिवर्सल कार्टन का भी पहली बार लागू किया गया. जिसका बागवानों को फायदा हुआ है.
वहीं, इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना को लेकर कैबिनेट मंत्री धनीराम शांडिल ने सदन में कहा कि योजना के तहत परिवार की एक महिला को ही लाभ मिलेगा. जिसके बाद योजना को लेकर सदन में शोर शराबा शुरू हो गया. विपक्ष ने सरकार पर योजना के नाम पर महिलाओं को ठगने का आरोप लगाया है.
सेब पर आयात शुल्क बढ़ाना केंद्र का काम, लेकिन जुमलों के अलावा कुछ नहीं मिला- जगत सिंह नेगी
हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के दौरान आज सदन में 9वें दिन सेब के आयात का मामला गूंजा. कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने सेब के आयात को लेकर कहा कि हिमाचल में सेब की आर्थिकी संकट से गुजर रही है. उन्होंने कहा कि हमने केंद्र सरकार से विदेशों से आने वाले सेबों पर 100 फीसदी आयात शुल्क की मांग की थी, लेकिन इस ओर कोई उचित निर्णय नहीं लिया है. कुलदीप पठानिया ने जयराम ठाकुर की ओर इशारा करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष भी इस मामले को केंद्र के सामने उठाए.
जिस पर संसदीय कार्यमंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि हिमाचल में सेब का 5 हजार करोड़ का कारोबार है. पीएम मोदी ने हिमाचल के दौरे के दौरान आयात शुल्क बढ़ाने का भरोसा दिलाया था, लेकिन जुमलों के अलावा कुछ भी नहीं मिला. भारत में 32 देशों से सेब आयात हो रहा है. हम शुल्क बढ़ने को लेकर लाचार हैं. ये केंद्र का मामला है.