शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में एसजेवीएन के तीन बिजली प्रोजेक्ट टेकओवर करने से जुड़े मामले की सुनवाई 7 जनवरी के लिए टल गई. इस मामले में हाईकोर्ट ने सतलुज जल विद्युत निगम के खिलाफ कोई सख्त कदम न उठाने के आदेश दिए हैं. केंद्र सरकार के उपक्रम और प्रदेश सरकार के बीच रॉयल्टी को लेकर खींचतान चल रही है.
सतलुज जल विद्युत निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि हाईकोर्ट में मामले के लंबित रहते केंद्र सरकार के तीन उपक्रमों को प्रदेश सरकार की ओर से टेकओवर करने की तैयारी की जा रही है. इस पर प्रदेश सरकार ने कोर्ट को बताया था कि वह केंद्र सरकार के संबंधित प्रतिनिधियों से एक बार फिर रॉयल्टी को लेकर जल्द ही बातचीत करने जा रहे है और मामले को आपसी सहमति से सुलझाने का प्रयास किया जाएगा.
रॉयल्टी पर सहमति न होने पर टेकओवर की चेतावनी
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ के सामने सतलुज जल प्रबंधन निगम की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई. सरकार के अनुसार मामले में प्रदेश के अधिकारों से कोई समझौता नहीं किया जा सकता. प्रदेश सरकार ने 20 दिसंबर 2023 को एक पत्र जारी कर एसजेवीएनएल को 15 दिनों के भीतर रिवाइज की गई रॉयल्टी पर अपनी सहमति न देने की सूरत में एसजेवीएनएल के सुन्नी, लुहरी और धौलासिद्ध प्रोजेक्टों को टेकओवर करने की चेतावनी जारी की है.