कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में बारिश न होने के चलते सर्दियों के सीजन में सूखे की स्थिति बनी हुई है. वहीं, कुल्लू जिले ऊपरी इलाकों में जंगलों में रोजाना आग लगने के मामले सामने आ रहे हैं. कुल्लू के जंगलों में कई स्थानों पर आग लग रही है. ऐसे में लगातार घाटी में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है.
आग के चलते पूरे घाटी में धुआं ही धुआं हो गया है, जिसके चलते सांस की बीमारियां बढ़ने का भी खतरा बना हुआ है. जिला कुल्लू की अगर बात करें तो वीरवार-शुक्रवार को जंगलों की आग के चलते पूरा इलाका धुएं से भर गया था. धुएं से फैले प्रदूषण के चलते आमने-सामने की पहाड़ियां भी दिखना बंद हो गई थी. शुक्रवार को भी जंगलों में आग का सिलसिला जारी रहा. ऐसे में वाहन चालकों को भी सड़क पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बीते दिन भी जिला कुल्लू की महाराज कोठी के जंगलों में शरारती तत्वों ने आग लगाई थी, जिस कारण अभी भी घाटी के जंगल सुलग रहे हैं.
धुएं से खराब हुई वायु गुणवत्ता
वीरवार को कुल्लू शहर, भुंतर, बजौरा, बाशिंग सहित कई इलाकों में धुआं इतना अधिक रहा कि 200 मीटर की दूरी के बाद विजिबिलिटी ही काफी कम हो गई थी. वहीं, इस धुएं के चलते क्षेत्रीय अस्पताल में भी अब सांस की समस्या लेकर मरीज पहुंच रहे हैं. ऐसे में अब लोगों की नजर आसमान पर टिकी हुई है कि आखिर कब आसमान से बारिश होती है और जंगलों की आग बुझ पाए. AQI.IN के मुताबिक आज कुल्लू का एयर क्वालिटी इंडेक्स 111 पर पहुंच गया है.
लोग लगा रहे जंगलों में आग
कुल्लू के स्थानीय निवासी रमेश कुमार, प्रेम सिंह, चंद्र कुमार का कहना है कि, 'पहले ही लोग सूखे के चलते परेशान हो रहे हैं, लेकिन जंगलों में लगी आग के चलते अब प्रदूषण से भी लोगों की समस्या बढ़ रही है. घरों में बुजुर्गों को सबसे अधिक सांस संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि प्रशासन लगातार लोगों से जंगलों में आग न लगाने की अपील कर रहा है, लेकिन इसके बाद भी आए दिन कहीं ना कहीं जंगलों में शरारती तत्व जंगलों में आग लगा रहे हैं. जंगलों की आग के चलते जहां वन संपदा जलकर राख हो रही है. वहीं, कई लोगों के मकान-बगीचे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं.'
क्षेत्रीय अस्पताल ढालपुर में कार्यरत सीएमओ कुल्लू डॉक्टर नागराज पवार ने बताया कि, 'धुएं के चलते सांस की समस्या अधिक बढ़ जाती है. ऐसे में बुजुर्ग और बच्चे अपना विशेष ध्यान रखें. अगर उन्हें सांस संबंधी कोई समस्या होती है तो वो तुरंत ढालपुर अस्पताल में डॉक्टर से संपर्क करें. धुएं के चलते ढालपुर अस्पताल में भी अब सांस रोगों से संबंधित लोगों की संख्या बढ़ रही है.'
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