नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को 2025 सीजन के लिए कोपरा के न्यूनतम समर्थन (MSP) मूल्य को मंजूरी दे दी. इस संबंध में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने के लिए, सरकार ने 2018-19 के केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि सभी अधिदेशित फसलों के एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर निर्धारित किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि 2025 मौसम के लिए उचित औसत गुणवत्ता के मिलिंग कोपरा की एमएसपी को 11582 रुपए प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा के लिए 12100 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है.
#WATCH | Delhi: Union Cabinet today approved the Minimum Support Price for Copra for the 2025 season
— ANI (@ANI) December 20, 2024
Union Minister Ashwini Vaishnaw says, " a series of decisions have been taken for the welfare of farmers. it reflects our commitment, the prime minister's commitment towards… pic.twitter.com/7gB1h6emQ6
वैष्णव ने बताया कि सरकार ने 2025 विपणन मौसम हेतु मिलिंग कोपरा और बॉल कोपरा की एमएसपी को 2014 विपणन मौसम के 5250 रुपए प्रति क्विंटल और 5500 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 11582 रुपए प्रति क्विंटल और 12100 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है जो कि क्रमशः 121 प्रतिशत और 120 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.
उच्च एमएसपी नारियल उत्पादकों को न केवल बेहतर पारिश्रमिक सुनिश्चित करेगी, बल्कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर नारियल उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए किसानों को कोपरा उत्पादन बढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहित करेगी.
मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत कोपरा और छिलका रहित नारियल की खरीद के लिए, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) केंद्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनए) के रूप में कार्य करना जारी रखेंगे.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "किसानों के कल्याण के लिए कई फैसले लिए गए हैं. यह हमारी प्रतिबद्धता, किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाता है... हमारे देश में कोपरा उत्पादन में कर्नाटक का हिस्सा सबसे ज्यादा है... कोपरा की खरीद के लिए नैफेड और एनसीसीएफ दोनों केंद्रीय नोडल एजेंसियां होंगी और इसके अलावा राज्य सरकारों की इसमें बड़ी भूमिका होगी, इसलिए यह खरीद राज्य सरकार के निगमों के सहयोग से की जाएगी."
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