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केंद्रीय बजट को लेकर ETV भारत ने आर्थिक विशेषज्ञ से की बात, जाने Budget में प्लस और माइनस का गेम - Union Budget 2024

Economic Expert Opinion On Union Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आज बजट 2024 पेश किया. इसको लेकर अब सभी राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया आने लगी है. ऐसे में यह बजट आम लोगों के जीवन पर कितना प्रभाव डालेगी, इसको लेकर ईटीवी भारत ने आर्थिक विशेषज्ञ राजीव सूद से खास बातचीत की. पढ़िए पूरी खबर...

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 23, 2024, 10:25 PM IST

Updated : Jul 23, 2024, 10:48 PM IST

Economic Expert Opinion On Union Budget
केंद्रीय बजट पर आर्थिक विशेषज्ञ की राय (ETV Bharat)

केंद्रीय बजट पर आर्थिक विशेषज्ञ की राय (ETV Bharat)

शिमला:केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट संसद में पेश किया. भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 48 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के खर्च का लक्ष्य रखा है. बजट में रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर विशेष जोर दिया गया है. इसी तरह से निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री पैकेज के तहत कई योजनाओं पर प्रकाश डाला है, जिसका उद्देश्य पूरे देश में रोजगार और कौशल विकास को बढ़ावा देना है. इन योजनाओं में से एक कम से कम एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप कार्यक्रम था.

एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप के अवसर:सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि बजट 2024 में अगले पांच वर्षों में 500 शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप के अवसर देने के लिए एक व्यापक योजना का प्रस्ताव है. ऐसे में वित्त मंत्री सीतारमण की ओर से संसद में पेश किए गए बजट पर शिमला के जाने माने आर्थिक विशेषज्ञ राजीव सूद ने ईटीवी से बात की. उन्होंने केंद्रीय बजट को प्लस और माइनस बताया हैं.

पॉलिसी मैटर को दर्शाता है बजट:राजीव सूद ने कहा कि केंद्रीय बजट को गेम चेंजिंग तो नहीं कहा जा सकता है, लेकिन वित्त मंत्री काफी अनुभवी हैं और यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट भी है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट एक पॉलिसी मैटर को दर्शा रहा है कि अगले 5 साल में हम कहां रहने वाले हैं. इस बजट में प्लस और माइनस दोनों हैं. प्लस ये है कि केंद्रीय बजट में रोजगार के अवसरों पर जोर दिया गया है. कॉरपोरेट सेक्टर को रोजगार देने के लिए इनकरेज किया गया है. शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप के अवसर देने के लिए एक व्यापक योजना का प्रस्ताव है. इससे युवाओं को एक्सपोजर के साथ स्टील डेवलपमेंट के भी अवसर प्राप्त होंगे, लेकिन जॉब का उतना अधिक लाभ नहीं मिलेगा.

यूथ की इनकम घटेगी:राजीव सूद ने कहा कि बजट में निराशाजनक बात ये है कि केंद्र सरकार ने शॉर्ट टर्म कैपिटल गैन टैक्स की सीमा को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है. वहीं, लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन टैक्स की सीमा को 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया हैं. लॉन्ग टर्म कैपिटल की लिमिट को एक लाख से बढ़ाकर सवा दो लाख किया गया हैं. लेकिन इसमें फायदा होने की जगह इन्वेस्टर से कई गुणा छिन गया हैं. उन्होंने कहा आज इन्वेस्टर म्युचुअल फंड में सिप के जरिए 21 से 35 साल आयु वर्ग के युवा सबसे अधिक पैसा इन्वेस्ट करते हैं. तभी हमारी कैपिटल मार्केट रेजिडेंट है. लेकिन अब यूथ को होने वाली इनकम में कमी आएगी, जो युवाओं के लिए शॉकिंग हैं.

स्टैंडर्ड डिडक्शन को एक लाख किया जाना चाहिए था:राजीव सूद ने कहा कि न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से बढ़ाकर कर 75 हजार की गई है. वहीं, इसकी उम्मीद एक लाख किए जाने की थी. ये भी निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि अफॉर्डेबल हाउसिंग की 2 लाख की लिमिट कई सालों से चली आ रही है. घरों की कीमत बढ़ने के साथ इस लिमिट को भी बढ़ाया जाना चाहिए था, जिसे नहीं बढ़ाया गया है. ये काफी निराशाजनक है. इससे हाउसिंग की डिमांड में कमी आ सकती है. वहीं, पर्सनल टैक्स की लिमिट ढाई लाख से बढ़ाकर 3 लाख की गई है. बजट में स्लैब रेट को भी बढ़ाया गया है, जिससे 15 लाख तक की इनकम वालों को काफी राहत मिल सकती है.

माध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं:राजीव सूद ने कहा कि बजट में मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं हैं. इसी तरह से सेब पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन यूथ कृषि क्षेत्र से जुड़ने को तैयार नहीं है. इसके लिए सरकार को मिलकर कार्य करने की जरूरत है. ताकि यूथ की कृषि क्षेत्र में दिलचस्पी को बढ़ाया जा सके.

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Last Updated : Jul 23, 2024, 10:48 PM IST

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