शिमला: हिमाचल कांग्रेस में चल रहे सियासी संकट के बीच बयानबाजी का दौर जारी है. कांग्रेस में अभी भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. विक्रमादित्य सिंह अभी भी दिल्ली दौरे पर ही हैं. बताया जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने प्रियंका गांधी से मुलाकात की है और मौजूदा स्थिति से अवगत कराया है. उधर 6 बागी विधायक अब भी पंचकूला के निजी होटल में ही हैं. जहां से वो मुख्यमंत्री से लेकर कांग्रेस सरकार पर मीडिया और सोशल मीडिया के जरिये हमले बोल रहे हैं. विधायक राजेंद्र राणा ने एक बार फिर से निशाना साधा है.
कौन है चापलूस ?
राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक राजेंद्र राणा सरकार पर लगातार हमलावर हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिये मौजूदा हालात और सरकार पर तीखा तंज कसा है. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये एक बार फिर 6 विधायकों के फैसले को ईमानदार और स्वाभिमान के नाम पर जायज बताया है. साथ ही उन्होंने चापलूस और तलवे चाटने वालों का जिक्र भी किया है. सवाल है कि राजेंद्र राणा का इशारा किसकी ओर है ?
"मैरिट पर विधायकों को दिए जा रहे पद"
उधर पार्टी विधायकों को कैबिनेट रैंक देने के सवाल पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि "जो पार्टी हाइकमान कहता है मैं वो करता हूं. पार्टी में कोई नाराजगी नहीं है और विधायकों को मैरिट के हिसाब से पद दिए गए हैं". दरअसल बीते 3 दिन में सरकार ने 2 विधायकों को कैबिनेट रैंक दिया है. रामपुर से कांग्रेस विधायक नंदलाल को 7वें वित्त आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया गया है. वहीं फतेहपुर से विधायक भवानी सिंह पठानिया को स्टेट प्लानिंग बोर्ड का डिप्टी चेयरमैन बनाया गया है. ये दोनों ही पद कैबिनेट रैंक के हैं.
बीजेपी ने लगाया रेवड़ियां बांटने का आरोप
उधर बीजेपी विधायकों को कैबिनेट रैंक देने को लेकर सरकार पर हमलावर हो चुकी है. बीजेपी के मुताबिक ये सारी कवायद सरकार बचाने के लिए हो रही है. बीजेपी विधायक विपिन परमार ने कहा कि इस सरकार का गिरना तय है और डूबती नैया को बचाने के लिए रेवड़ियां बांटी जा रही हैं. दरअसल मौजूदा सियासी संकट और उससे पहले भी सरकार पर अपनों ने विधायकों, कार्यकर्ताओं की अनदेखी के आरोप लगाए हैं. 6 विधायकों की बगावत को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. प्रतिभा सिंह ने कहा था कि राजेंद्र राणा सरकार का हिस्सा बनना चाहते थे लेकिन 14 महीने में ऐसा नहीं हुआ. जिसके कारण उन्होंने क्रॉस वोटिंग का कदम उठाया. सरकार के विधायकों को कैबिनेट रैंक दिए जाने के फैसले को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है और बीजेपी इस पर तंज कस रही है.
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