सदन में हिमकेयर और सहारा योजना का मामला भी उठा. बीजेपी के सदस्यों ने सवाल उठाया. जिसके जवाब में सरकार ने बताया कि निजी अस्पतालों के 127 करोड़ रुपये बकाया हैं. योजना का क्रियान्वयन हो रहा है. सहारा योजना मं 16798 आवेदन आए हैं जिनमें से 11419 आवेदन मंजूर हुए और 5379 लंबित हैं. हिमकेयर के लिए 245141 आवेदन आए इनमें से 1527 लंबित हैं. जबकि 243614 आवेदन मंजूर हुए हैं.
सदन में उठा हिमकेयर का मामला, बिजली की हर यूनिट पर लगेगा मिल्क सेस, सीएम ने पेश किया बिल - Himachal Live update - HIMACHAL LIVE UPDATE
By ETV Bharat Himachal Pradesh Team
Published : Sep 9, 2024, 2:14 PM IST
|Updated : Sep 9, 2024, 5:11 PM IST
आज हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का 10वां दिन है. आज नियम 130 के तहत प्रदेश की वर्तमान वित्तीय स्थिति पर चर्चा होगी. जिसपर सभी की नजर बनी हुई है.
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सदन में उठा हिमकेयर का मसला
हिमाचल में बिजली होगी महंगी
हिमाचल प्रदेश में अब बिजली के दाम बढ़ने वाले हैं. सोमवार को विधानसभा में सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक पेश किया. इस विधेयक में प्रति यूनिट बिजली की खपत पर 10 पैसे मिल्क सेस लगेगा इसके अलावा औद्योगिक इकाइयों पर प्रति यूनिट की बिजली खपत पर पर्यावरण सेस लगेगा. सेस का प्रावधान है जिन कंज्यूमर्स का बिजली बिल जीरो होगा उनसे मिल्क सेस नहीं लिया जाएगा. बता दें कि हिमाचल प्रदेश इन दिनों आर्थिक संकट से जूझ रहा है इसलिए एक के बाद एक ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं जिससे प्रदेश सरकार का रेवेन्यू बढ़ सके और अन्य खर्चों को कम किया जा सके. राज्य में पूर्व की जयराम सरकार ने 125 यूनिट निशुल्क बिजली देने का फैसला लिया था. वहीं, कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले प्रदेश के लोगों को 300 यूनिट निशुल्क बिजली देने का ऐलान किया था. कांग्रेस फिलहाल अपने इस वादे को पूरा नहीं कर पाई है और अब सरकार प्रति यूनिट बिजली खर्च पर मिल्क सेस और पर्यावरण सेस लगाने की तैयारी में है.
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निजी अस्पतालों का 127 करोड़ रुपये बकाया
सदन में विपक्ष ने हिमकेयर व सहारा योजना का मामला उठाया. भाजपा के सदस्यों ने दोनों योजनाओं के बकाया भुगतान को लेकर प्रदेश सरकार से सवाल किया. सत्ता पक्ष ने जवाब देते हुए कहा कि निजी अस्पतालों का 127 करोड़ रुपये बकाया है. वहीं, सहारा योजना में 16,798 आवेदन आये हैं जिनमें से 11,419 मंजूर हुए हैं और 5379 आवेदन लंबित हैं. वहीं, हिमकेयर योजना के तहत 2,45,141 आवेदन आये हैं जिनमें से 1527 आवेदन लंबित हैं और 2,43,614 मंजूर किए गए हैं.
सीएम सुक्खू और रणधीर शर्मा में नोकझोंक
रणधीर शर्मा की ओर से नाबार्ड योजनाओं पर उठाए गए सवाल और भेदभाव के आरोप पर सीएम ने कहा कि "रणधीर शर्मा ने ढंग से जवाब नहीं पढ़ा है. हमारी सरकार कोई भेदभाव नहीं कर रही". रणधीर शर्मा ने अपने अंतिम अनुपूरक सवाल में कहा कि "सारा ज्ञान सीएम के पास है, अगर हम अनपढ़ भी हैं तो जवाब तो देना ही पड़ेगा"
जिसके बाद सदन में सीएम सुखविंदर सुक्खू और रणधीर शर्मा के बीच नोक झोंक शुरू हो गई. जिस पर नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सीएम व्यक्तिगत टिप्पणी करते हैं कि पढ़ लिखकर नहीं आते. रणधीर शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट हैं और लॉ पढ़े हैं. सीएम अक्सर ऐसी टिप्पणी करते हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए. जो सवाल किया है उसकी जलेबी बना दी गई.
जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष के एमएलए के निर्वाचन क्षेत्रों की डीपीआर पर काम नहीं हो रहा. अफसर भी काम नहीं कर रहे, अफसरों का ये एटीट्यूड ठीक नहीं.
नाबार्ड योजनाओं पर तू-तू, मैं-मैं
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रणधीर शर्मा के आरोप को नकारते हुए कहा कि "सभी विधानसभा क्षेत्रों का समान विकास किया जा रहा है. हर निर्वाचन क्षेत्र के लिए 175 करोड़ का बजट होता है, इस बार 20 करोड़ और बढ़ाया है. नाबार्ड से भी अनलिमिटेड लोन नहीं मिलता."
रणधीर शर्मा ने कहा कि "सीएम गुमराह कर रहे हैं. जबसे नाबार्ड चला सीएम तब की सड़कों का ब्यौरा दे रहे हैं. चार सड़के प्लानिंग में पिछली बार गयी, अबकी लिस्ट में एक भी नाम लिस्ट में भाजपा के एमएलए के क्षेत्र में नहीं हैं. जो लेटेस्ट सड़क नाबार्ड को भेजी हैं, उसकी लिस्ट दें. सरकार भेदभाव कर रही है"
बीजेपी विधायक ने नाबार्ड योजनाओं पर उठाया सवाल
मानसून सत्र के 10वें दिन की शुरूआत प्रश्नकाल के साथ शुरू हो चुकी है. विधायक रणधीर शर्मा ने नाबार्ड योजनाओं को लेकर सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है. रणधीर शर्मा ने कहा कि "नाबार्ड के तहत सरकार ने जो नई व्यवस्था की है उसमें कांग्रेस सदस्यों के निर्वाचन क्षेत्र में दी गई हैं, नाबार्ड से कर्ज लेकर जो योजना बनती है उसमें सारा प्रदेश शामिल हो. कांग्रेस के 40 एमएलए के इलाकों में योजनाएं दी हैं और भाजपा के 28 सदस्यों के साथ अन्याय किया"