जबलपुर: हाईकोर्ट ने हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में मृतकों के परिजनों को 15-15 लाख रु दिए जाने के आदेश को सही ठहराया है. जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि घायलों व क्षतिग्रस्त मकानों के मुआवजे के संबंध में याचिकाकर्ता एनजीटी के समक्ष अपनी आपत्ति पेश कर सकते हैं. दरअसल, फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल व सोमेश अग्रवाल की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसमें एनजीटी द्वारा दिए गए मुआवजा आदेश को चुनौती दी गई थी.
हरदा ब्लास्ट में मुआवजे पर हाईकोर्ट की टिप्पणी, एनजीटी के आदेश को ठहराया सही - HIGHCOURT ON HARDA BLAST
एनजीटी द्वारा मृतकों के परिजनों को 15-15 लाख मुआवजा देने के आदेश को हाईकोर्ट ने माना सही. फैक्ट्री मालिक ने दी थी चुनौती.
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : 4 hours ago
याचिकाकर्ता की ओर कहा गया कि 6 फरवरी 2024 को हुए हरदा फैक्ट्री ब्लास्ट के तुरंत बाद मुआवजा आदेश जारी कर दिया गया. ये मुआवजा फैक्ट्री मालिकों द्वारा पीड़ितों को देना था. इसमें किसी भी प्रकार के नुकसान का आंकलन नहीं हुआ, जिसका लोग अनुचित लाभ ले रहे हैं. कलेक्टर के आदेश पर फैक्ट्री मालिक के खिलाफ मुआवजे के लिए 15.80 करोड़ की रिकवरी निकालकर 9 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली गई है, जबकि उस संपत्ति की कीमत कई ज्यादा है.आवेदन में राहत चाही गई कि उनकी संपत्ति को मुक्त किया जाए.
कोर्ट ने एनजीटी के आदेश को सही ठहराया
युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए अपने आदेश में कहा है कि मृतकों के परिजनों को 15-15 लाख रुपए मुआवजा दिए जाने का आदेश उचित है. संपत्ति के निर्धारित मूल्य से अधिक राशि जमा करने व घायलों व मकान क्षतिग्रस्त होने के अनुचित मुआवजे के संबंध में याचिकाकर्ता एनजीटी के समक्ष अपनी आपत्ति पेश करें. गौरतलब है कि 6 फरवरी 2024 को हरदा फैक्ट्री ब्लास्ट में 13 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं 50 से अधिक लोग घायल हुए थे. इस धमाके में 60 मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे और 100 से अधिक लोगों को अपने घर खाली करने पड़े थे. एनजीटी ने इसके बाद मृतकों के परिजनों को 15-15 लाख, गंभीर घायलों को 5-5 लाख, अन्य घायलों को 3-3 लाख, क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 5 लाख, और बेघर हुए लोगों को 2-2 लाख रु मुआवजा देने का आदेश फैक्ट्री संचालकों को दिया था, जिसपर जिला प्रशासन ने एक्शन लिया.