दूषित खान पान से बढ़ रहे हेपेटाइटिस ए के मरीज, जानिए होने के कारण, लक्षण और बचाव - SYMPTOMS OF HEPATITIS
हेपेटाइटिस बीमारी से संबंधित भारत में रोजाना दर्जनों मौतें, संक्रमण मामले में भारत दूसरे स्थान पर, हेपेटाइटिस से संबंधित जानकारी आपकी जान बचा सकती है. पढ़ें पूरी खबर.
हेपेटाइटिस ए के मरीज क्या करें इस पर डॉ. उशस्त से खास बातचीत (ETV Bharat)
नई दिल्ली:राजधानी में प्रदूषण इन दिनों सुर्खियों में है. इस बीच अस्पतालों में हेपेटाइटिस ए संक्रमण के मामले अधिक पहुंच रहे हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि वैसे तो बरसात के मौसम में हेपेटाइटिस के मामले ज्यादा देखे जाते हैं, लेकिन इस बार नवंबर में भी असामान्य रूप से हेपेटाइटिस ए के मरीज अधिक देखे गए. सर गंगाराम अस्पताल के लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. उशस्त धीर ने बताया कि करीब 2 महीने से हेपेटाइटिस ए संक्रमित मामले सामने आए हैं. इसमें लीवर फेलियर के केस सबसे ज्यादा है. अगर पिछले वर्षों की बात करें मात्र 2 या 3 लीवर ट्रांसप्लांट के मामले आते थे. वहीं इस वर्ष नवंबर में हर हफ्ते 2 से 3 लीवर फलियर के मामले सामने आए हैं. ऐसी स्थिति में काफी बड़ी संख्या में लोगों के लीवर ट्रांसप्लांट करने की स्थिति बन रही है.
क्यों होता है हेपेटाइटिस ए का इन्फेक्शन? डॉ. उशस्त ने बताया कि हेपेटाइटिस ए एक ऐसा वायरस है जो दूषित खान पान से फैलता है. दिल्ली में आधे से ज्यादा जनसंख्या यमुना के पानी को प्यूरीफाई कर पीती है. इसका प्रभाव उनके शरीर में दिख रहा है. सरकार के कई प्रयासों के बाद भी यमुना का पानी पीने लायक नहीं हो पा रहा है. यमुना के पानी के अंदर दिल्ली की तमाम इंडस्ट्रीज का गंदा पानी आ रहा है, और सीवेज की ड्रेन भी कनेक्ट है. इसी कारण पीने के पानी में सीवेज का पानी मिक्स हो जाता है जो हेपेटाइटिस ए जैसी बीमारियों को पैदा करता है. यह बेहद दुखद बात है. 2024 चल रहा है और देश की राजधानी दिल्ली की जनता को दूषित पानी पीने के लिए मिल रहा है. इससे ज्यादा चिंता का विषय है कि राजधानी के लोगों के पास हाथ धोने के लिए के अलावा सुबह उठकर ब्रश करने के लिए भी स्वच्छ पानी उपलब्ध नहीं है.
हेपिटाइटिस ए के मरीज क्या करें, डॉ. उशस्त का खास इंटरव्यू (ETV Bharat)
इन चीजों से रहें सावधान डॉ. उशस्त ने बताया कि हेपेटाइटिस ए के संक्रमण को बढ़ाने में सबसे पहला कारण है पानी. वहीं दूसरा कारण यह है कि इसी पानी से जमाई जाने वाली बर्फ का इस्तेमाल कोल्ड ड्रिंक और अन्य ड्रिंक के लिए किया जाता है. बर्फ मिक्स कर के पानी, कोल्डड्रिंक या अन्य चीज पीने वाले लोगों को हेपेटाइटिस ए होने का खतरा रहता है. इसके अलावा बाजार में मिलने वाले अन्य पानी के खाद्य प्रोडक्ट्स जिसमें सबसे ज्यादा गोलगप्पे आते हैं. लोग उसकी काफी चाव से खाते हैं. लेकिन उनको यह नहीं पता कि इसका असर उनके लीवर के लिए घातक साबित हो सकता है.
अस्पतालों में हेपेटाइटिस ए संक्रमण के मामले अधिक पहुंच रहे हैं (ETV Bharat)
तीसरा कारण आता है खाना बनाने की प्रक्रिया. खाना बनाने के लिए पानी बेहद जरूरी है और अगर वही खाना दूषित पानी से बनता है तो वह भी लिवर डैमेज और हेपेटाइटिस ए जैसी बीमारियों को न्योता देता है. वहीं जो सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं वह शादी पार्टी में खाना खाने वाले लोगों को आ रहे हैं. हेपेटाइटिस ए को बढ़ावा देने में कच्चा सलाद भी मुख्य भूमिका निभाता है. अगर इस सलाद को गंदे पानी से धोया गया है तो वह भी इस की गिरफ्त में लोगों को ले रहा है.
हेपेटाइटिस ए दूषित खानपान से फैलता है (ETV Bharat)
इस उम्र के लोगों पर हाफी हुआ हेपेटाइटिस ए डॉ. उशस्त बताते हैं कि 2 वर्ष की आयु से लेकर 45 वर्ष तक के लोगों के अंदर हेपेटाइटिस ए का संक्रमण देखने के लिए मिल रहा है. 18 साल से 35 साल के लोगों पर ज्यादा प्रभाव देखने को मिल रहा है.
वायरस दूषित खान पान से फैलता (ETV Bharat)
जानलेवा साबित हो सकता है हेपेटाइटिस ए का संक्रमण राजधानी दिल्ली में केवल दूषित हवा ही लोगों की जान नहीं ले रही है बल्कि हेपेटाइटिस ए का संक्रमण भी लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. डॉ. उशस्त ने बताया कि वर्तमान में हेपेटाइटिस ए काफी घातक साबित हो रहा है. इसकी शुरुआत एक मामूली बुखार से होती है. इसके बाद पेट में दर्द और ज्वाइंडिस जैसी बीमारियां दिखने लगीं. अगर किसी भी इंसान को अपने अंदर इन बीमारियों के लक्षण दिखाई दिए तो वह तत्काल से डॉक्टर से संपर्क करें.
इंसान को ब्रेन डेथ की संभावना
डॉक्टर ने बताया कि अगर समय पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तो वह व्यक्ति लीवर संबंधी बीमारी की चपेट में आ सकता है. कई बार हालत इतनी नाजुक हो जाती है कि मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है. हेपेटाइटिस ए का संक्रमण केवल लीवर पर ही नहीं बल्कि दिमाग पर भी असर दिखाता है. इंसान की ब्रेन में सूजन आने लगती है. सही समय पर इलाज न होने के कारण ऐसी स्थिति में इंसान का ब्रेन डेथ हो जाता है. लिवर डैमेज की स्थिति से कैसे बचा जा सकता है डॉ. उशस्त ने बताया कि किंग्स कॉलेज ऑफ लंदन केक क्राइटेरिया के मुताबिक कुछ सामान्य ब्लड टेस्ट से इस संक्रमण का पता लगाया जा सकता है. अगर सही समय पर ब्लड टेस्ट कर लिया जाए तो लिवर डैमेज की स्थिति से बचा जा सकता है और सामान्य रूप से डॉक्टर लिवर ट्रांसप्लांट करके मरीज को बचा लेते हैं. संबंधित मरीजों को ध्यान रखना होगा कि लिवर ट्रांसप्लांट करने का भी एक समय होता है अगर वह समय सीमा खत्म होने लग जाती है तो इंसान को बचाना नामुमकिन हो जाता. अल्कोहलिक बॉडी पर ज्यादा प्रभाव करता है हेपेटाइटिस ए हम सभी जानते हैं कि शराब पीना जानलेवा साबित हो सकता है. वहीं अगर शराब पीने वाले इंसान हेपेटाइटिस ए की गिरफ्त में आ जाता है तो उसको बचाना नामुमकिन है. डॉ. उशस्त ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति नियमित शराब पीता है तो उसका लीवर अपने आप ही कमजोर हो जाता है. वहीं जब वह हेपेटाइटिस ए की गिरफ्त में आता है तो उसका लीवर फेलियर होना 100 फीसदी तक निश्चित है. यदि किसी व्यक्ति का लीवर स्वस्थ है और वह अनजाने में हेपेटाइटिस ए की गिरफ्त में आता है तो उसका स्वस्थ होना 90 फीसदी तक मुमकिन है. कैसे करें बचाव? डॉ. उशस्त बताते हैं कि हेपेटाइटिस ए के संक्रमण से भी बचा जा सकता है. केवल इसके लिए कुछ सुरक्षित कदम उठाने की जरूरत है. ध्यान रखें कि जब भी बाहर खाना खाए तो साफ जगह पर खाएं. संक्रमण से बचने के लिए पानी का भी विशेष ध्यान रखना है आजकल कई कंपनी पैक बोतल उपलब्ध करा रही है बाजार में जो देखने में साफ लगते हैं लेकिन उनका कोई प्रमाण नहीं है. पैक पानी पीने वाला हर व्यक्ति यही सोचता है कि पानी साफ है. लेकिन सही मायनों में ऐसा नहीं होता. इसीलिए हेपेटाइटिस ए के संक्रमण से बचने के लिए पैक वाटर बोतल का निरीक्षण करने के बाद ही पानी पिए. बोतल के ऊपर लगे टैग को देखें कि वह हमारे खाद्य पदार्थ सुरक्षा विभाग की तरफ से मान्य है या नहीं है. इसके बजाय सबसे अच्छी बात यह है कि आप अपने घर से सुरक्षित पानी लेकर ही निकलें. वैक्सीनेशन जरूरी हेपेटाइटिस ए के संक्रमण को बचाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है वैक्सीनेशन. डॉ. उशस्त ने बताया कि हेपेटाइटिस ए के बचाव के लिए वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है कि भारत सरकार हेपेटाइटिस ए की वैक्सीनेशन को मैंडेटरी कर देना चाहिए. इसके अलावा लोगों को इस वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक करने की जरूरत ताकि वह हेपेटाइटिस ए के संक्रमण से खुद को बचा सके. वैसे तो हेपेटाइटिस ए की वैक्सीनेशन बचपन में ही लग जानी चाहिए. अगर कोई इससे वंचित रह गया है, तो वह किसी भी उम्र में वैक्सीनेशन को लगवा सकते हैं.
हेपेटाइटिस ए के लक्षण बुखार पेट में दर्द पीलिया
हेपेटाइटिस ए होने के मुख्य कारण दूषित पानी ड्रिंक में इस्तेमाल होने वाली बर्फ पैक्ड पानी की बोतल की जांच जरूरी बाहर खुले में बनने वाला खाना शादी पार्टियों में बनने वाले खाने बाहर मिलने वाले कच्चे सलाद और फ्रूट चाट
हेपेटाइटिस ए के मरीज क्या करें बचाव हेपेटाइटिस ए की वेक्सिन लक्षण दिखते ही तत्काल डॉक्टर से करें संपर्क सही समय पर इलाज करें बाहर खाने पीने से बचें बर्फ वाली ड्रिंक का न करें सेवन