नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब सरकार गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है. बताया जा रहा है कि दिल्ली में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 19 या 20 फरवरी को हो सकता है. वहीं, विधायक दल की बैठक 17 और 18 फरवरी को आयोजित की जाएगी, जिसमें नई सरकार के गठन से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे. भाजपा को विधानसभा के चुनाव में मिली प्रचंड जीत में पूर्वांचल के मतदाताओं का बड़ा योगदान है. साथ ही पूर्वांचल राज्य बिहार से आने वाले तीन भाजपा नेता भी विधायक बनने में सफल रहे हैं.
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार में अक्टूबर नवंबर माह में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्दे नजर भाजपा नेतृत्व इन तीन विधायकों में से भी किसी को मुख्यमंत्री बनाने पर विचार कर सकता है. अगर भाजपा नेतृत्व इनमें से किसी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लेता है तो यह भी एक चौंकाने वाला फैसला होगा. क्योंकि पूर्वांचल के इन तीन विधायकों में से दो नए चेहरे हैं. जबकि एक दूसरी बार विधायक चुने गए हैं. आईए जानते हैं भाजपा के इन तीन पूर्वांचल के विधायकों के बारे में.
![भाजपा विधायक अभय वर्मा](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15-02-2025/del-ndl-01-purvanchal-delhibjp-three-bjp-mlaandonefrom-them-maybecm-ofdelhi-knowabout-us-vis-7211683_15022025011928_1502f_1739562568_606.jpg)
अभय वर्मा: दिल्ली के लक्ष्मी नगर से लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए अभय वर्मा बिहार के दरभंगा जिले के रहने वाले हैं. वह 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली आ गए थे. उसके बाद उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई दिल्ली में ही पुरी की. दिल्ली से उन्होंने लॉ की डिग्री ली और उसके बाद बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में रजिस्ट्रेशन कराकर वकालत शुरू की. उन्होंने कड़कड़डूमा कोर्ट से वकालत की शुरुआत की. उसके बाद वह भाजपा से जुड़ गए और कार्यकर्ता के रूप में कार्य शुरू किया. जल्दी ही अभय वर्मा को भाजपा में प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश मुख्य प्रवक्ता की जिम्मेदारी भी मिली. उस जिम्मेदारी को उन्होंने बखूबी निभाया.
वर्ष 2013 के चुनाव में मिली करारी हार: अभय वर्मा साल 2013 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा. उन्होंने 2015 के विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए प्रयास किया, लेकिन भाजपा से टिकट नहीं मिला. साल 2020 के चुनाव में भाजपा नेतृत्व ने एक बार फिर अभय वर्मा को लक्ष्मी नगर विधानसभा से प्रत्याशी बनाया. कड़ी मेहनत के दम पर अभय वर्मा चुनाव जीतने में सफल रहे. अभय वर्मा भाजपा के उन आठ विधायकों में शामिल रहे, जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी. इस बार उन्हें अंतिम समय में टिकट मिला. पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार अभय वर्मा ने अपने जीत के मार्जिन को बढ़ाते हुए जीत दर्ज की. वर्मा दूसरी बार विधायक चुने जाने के कारण मनोज तिवारी के बाद दूसरा बड़ा पूर्वांचली चेहरा हैं.
![डॉक्टर पंकज कुमार सिंह](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15-02-2025/del-ndl-01-purvanchal-delhibjp-three-bjp-mlaandonefrom-them-maybecm-ofdelhi-knowabout-us-vis-7211683_15022025011928_1502f_1739562568_925.jpg)
डॉक्टर पंकज कुमार सिंह: दिल्ली की विकासपुरी विधानसभा से चुनाव जीतकर विधायक बने डॉ पंकज कुमार सिंह मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. वह भी भाजपा का एक पूर्वांचल चेहरा हैं. पंकज कुमार सिंह मूल रूप से बिहार के बक्सर जिला के रहने वाले हैं. बक्सर जिले का धरौली इनका पैतृक गांव है. इनकी जीत से बक्सर में भी जश्न का माहौल है.
![भाजपा विधायक चंदन कुमार चौधरी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15-02-2025/del-ndl-01-purvanchal-delhibjp-three-bjp-mlaandonefrom-them-maybecm-ofdelhi-knowabout-us-vis-7211683_15022025011928_1502f_1739562568_564.jpg)
चंदन चौधरी: दिल्ली की संगम विहार विधानसभा सीट से चंदन कुमार चौधरी विधायक बने है. चंदन चौधरी मूल रूप से बिहार के खड़िया के रहने वाले हैं. बताया जाता है कि चंदन दसवीं की पढ़ाई करने के बाद ही दिल्ली काम की तलाश में आ गए थे. उसके बाद दिल्ली में उन्होंने कुछ समय नौकरी के बाद प्रॉपर्टी डीकर का काम शुरू किया, जो बहुत अच्छा चलने लगा हैं. उसके बाद भाजपा से जुड़े और 2015 में निगम चुनाव का टिकट उन्हें मिला. निगम चुनाव में चंदन चौधरी पार्षद चुने गए. अब पार्टी के द्वारा विधायक का टिकट देने के बाद उन्होंने जीत दर्ज की है.
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